SIR: मप्र में हटेंगे 41.8 लाख वोटरों के नाम, देख ले अपना नाम नहीं तो होगी मुश्किल!
मध्य प्रदेश में एसआईआर की समय-सीमा 18 दिसंबर को पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग के 65 हजार से अधिक बूथ लेवल अधिकारियों ने मतदाता सूचियों का मतदाताओं के घर जाकर भौतिक सत्यापन किया। 18 दिसंबर तक प्रदेश के सभी 5.74 करोड़ मतदाताओं की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
महीने के अंत में प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची में 41.8 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं। इनमें 8.4 लाख वोटर मृत पाए गए हैं। 8.4 लाख अनुपस्थित मिले हैं, जबकि 22.5 लाख मतदाता ऐसे हैं जो दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। वहीं, 2.5 लाख मतदाता कई पतों पर पंजीकृत पाए गए हैं।निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि उन्हीं मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, जिनकी पहचान पक्के तौर पर मृत, शिफ्ट हो चुके, बार-बार जाने के बाद भी न मिलने वाले या कई रजिस्ट्रेशन वाले के रूप में हुई है।
9 लाख मतदाताओं को जारी होंगे नोटिस
एसआईआर में लगभग 9 लाख ऐसे मतदाता मिले हैं, जिनके द्वारा दी गई जानकारी 2003 में किए गए एसआईआर के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही है। ऐसे मतदाताओं को चुनाव आयोग द्वारा बताए गए 11 दस्तावेजों में से कोई एक जमा करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। ऐसा न करने पर अगले साल फरवरी में अंतिम सूची जारी होने पर उनके नाम हटाए जा सकते हैं।
शहरों में संभावित कटौती
भोपाल में एसआईआर के बाद 21.25 लाख रजिस्टर्ड वोटर हैं। इनमें से 4.3 लाख नाम (20.23 फीसदी) अंतिम मतदाता सूची से बाहर किए जा सकते हैं।
इंदौर में 28.67 लाख मतदाताओं में से 4.4 लाख नाम (15.34 फीसदी) हटाए जाएंगे।
ग्वालियर में 16.49 लाख मतदाताओं में से 2.5 लाख नाम (15.16 फीसदी) हटाए जा सकते हैं।
जबलपुर में 19.25 लाख मतदाताओं में से 2.4 लाख नाम हटाए जा सकते हैं।
किसी योग्य मतदाता का नाम नहीं हटेगा
निर्वाचन कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि मप्र में 99.6 फीसदी से अधिक मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त हुए हैं और उन्हें डिजिटाइज किया गया है। उद्देश्य मतदाता सूची को पारदर्शी और दुरुस्त बनाना है। किसी भी योग्य मतदाता को बाहर नहीं किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची जारी होने के बाद मतदाताओं के पास दावे और आपत्तियां दर्ज करने का विकल्प होगा।