1330 किमी की नर्मदा परिक्रमा पर निकलीं मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की बेटी प्रतिज्ञा
प्रतिज्ञा सिंह ने अमरकंटक से 1330 किमी नर्मदा परिक्रमा शुरू की, 7 किमी लंबी पेंटिंग से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी।
मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में सोमवार सुबह आस्था और संकल्प का अनूठा संगम देखने को मिला. मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की बेटी प्रतिज्ञा सिंह पटेल ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर 1330 किलोमीटर लंबी नर्मदा परिक्रमा का शुभारंभ किया।
पिता के बाद बेटी ने संभाली परंपरा
प्रहलाद सिंह पटेल स्वयं नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं। अब उनकी पुत्री प्रतिज्ञा सिंह इस आध्यात्मिक परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं, लेकिन अपने अलग और रचनात्मक अंदाज़ के साथ प्रतिज्ञा सिंह लगभग दो साल में नर्मदा परिक्रमा पूर्ण करेंगी और इस दौरान नदी के दोनों किनारों की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और आध्यात्मिक भावनाओं को चित्रों में संजोएंगी।
1330 किमी की यात्रा, 7 किमी लंबी पेंटिंग
इस यात्रा की सबसे खास बात इसका कलात्मक स्वरूप है प्रतिज्ञा सिंह नर्मदा यात्रा के हर 150 किलोमीटर को 1 किलोमीटर लंबी पेंटिंग में उतारेंगी . अमरकंटक, ओंकारेश्वर जैसे प्रमुख तीर्थों के लिए 1.5 से 2 किलोमीटर तक की विशेष पेंटिंग बनाई जाएगी। इस तरह पूरी नर्मदा परिक्रमा को करीब 7 किलोमीटर लंबी पेंटिंग में रूपांतरित किया जाएगा।
मिनी ट्रक में चलेगा कला-सफर
इस लंबी यात्रा में प्रतिज्ञा सिंह की मामी भी उनके साथ रहेंगी चित्रांकन से जुड़े कैनवास, रंग और अन्य सामग्री के लिए एक विशेष मिनी ट्रक को यात्रा के लिए तैयार किया गया है, जो पूरे सफर में साथ चलेगा।
ड्रोन से कैद होंगे दुर्गम दृश्य
जहां नर्मदा के किनारे पहुंचना मुश्किल होगा, वहां ड्रोन से वीडियो और फोटोग्राफी कराई जाएगी और उन्हीं दृश्यों के आधार पर चित्र तैयार किए जाएंगे खास बात यह है कि प्रतिज्ञा सिंह एक्रेलिक या सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल नहीं करेंगी वह प्राकृतिक रंगों से पेंटिंग बनाएंगी जिनमें पत्थर, गोंद और प्राकृतिक तत्वों से बने रंग उपयोग होंगे।
नर्मदा मैया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
प्रतिज्ञा सिंह के अनुसार यह यात्रा सिर्फ आस्था तक सीमित नहीं है उनका कहना है प्राचीन समय में लोग नर्मदा को स्वच्छ रखने के लिए तांबे के सिक्के और कपास के वस्त्र अर्पित करते थे, जो प्रकृति के अनुकूल थे. आज प्लास्टिक और कृत्रिम सामग्री नदी को नुकसान पहुंचा रही है । अपनी परिक्रमा और पेंटिंग्स के माध्यम से वे नर्मदा संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरण संतुलन का संदेश जन-जन तक पहुंचाना चाहती हैं।