बेटियों पर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर ब्राह्मण समाज ने सड़क पर उतरकर जमकर नारेबाजी की। राजधानी के रोशनपुरा चौराहे पर यह प्रदर्शन आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किया गया था।
पुलिस ने वाटर कैनन के इस्तेमाल से खदेड़ा
प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। वे वर्मा की तत्काल गिरफ्तारी और सेवा से बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे।
धक्का-मुक्की के दौरान कई घायल
प्रदर्शनकारी रोशनपुरा चौराहे पर पुलिस घेराबंदी तोड़ते हुए बाणगंगा चौराहे तक पहुंच गए। बैरिकेडिंग के बावजूद आगे बढ़ने की कोशिश जारी रही। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। धक्का-मुक्की के दौरान कई बुजुर्ग और महिलाएं घायल हो गईं। मौके पर मौजूद एम्बुलेंस और मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार दिया।
तनावपूर्ण हालात को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। प्रदर्शनकारियों को गाड़ियों में भरकर पुलिस रातीबड़ ले गई। यहां तितर-बितर करने के बाद प्रदर्शन शांत किया जा सका। एसीपी आशीष अग्रवाल ने बताया कि मांगों को लेकर ब्राह्मण समाज के कुछ संगठनों ने आज प्रदर्शन किया था। सिर्फ विज्ञापन के जरिए पूर्व सूचना दी गई थी।
लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की
कुछ लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की थी, जिस पर पुलिस ने वॉटर कैनन के जरिए उन्हें रोकने की कार्रवाई की। किसी तरह का अनावश्यक बल प्रयोग नहीं किया गया।
सरकार ने भेजा बर्खास्तगी का प्रस्ताव, पर सामाजिक संगठन संतुष्ट नहीं
आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें तत्काल उप सचिव (कृषि विभाग) के पद से हटाकर जीएडी पूल में अटैच किया।साथ ही जाली और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पदोन्नति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के गंभीर आरोपों के चलते, उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया। पर सामाजिक संगठन इससे संतुष्ट नहीं हैं।
मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी सेवा संघ, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज, ब्राह्मण रेजिमेंट सहित अन्य संगठनों का कहना है कि प्रस्ताव भेजना पहली सफलता है, लेकिन इसी कारण विरोध समाप्त नहीं हुआ।
सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के साथ ही ब्राह्मण संगठनों ने कुछ दिनों के लिए प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया था। बावजूद इसके प्रशासनिक जानकारों का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने जो प्रस्ताव भेजा है, वह अधूरा है।
इसमें स्पष्ट नहीं है कि सरकार संतोष वर्मा को बर्खास्त करना चाहती है या सिर्फ उनका प्रमोशन रद्द करना चाहती है। इस अस्पष्टता के कारण केंद्र सरकार प्रस्ताव को वापस भी कर सकती है। प्रस्ताव में वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है, लेकिन ठोस कारण स्पष्ट नहीं बताए गए हैं।अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। इसी वजह से आगे भी आंदोलन जारी रखने की तैयारी की जा रही है।