MP में पहली बार नवंबर में 10-12 की अर्धवार्षिक परीक्षाएं

Update: 2025-10-29 05:15 GMT

केवल 60% कोर्स पूरा होने से छात्रों में चिंता

शासकीय स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावों को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। प्रदेश में 03 नवंबर से कक्षा 10 और 12 वीं की अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में अधिकांश स्कूलों में अब तक केवल 60 प्रतिशत कोर्स ही पूरा हो पाया है। फिलहाल बच्चे और शिक्षक रिजल्ट को लेकर चिंतित हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस परीक्षा का समय-सारिणी विभाग ने जारी कर दिया है। कई स्कूलों में शिक्षकों ने अधूरा कोर्स पूरा दिखाने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि परीक्षा आयोजन में बाधा न आए।

3 नवंबर से परीक्षा शुरु

आमतौर पर अर्धवार्षिक परीक्षाएं दिसंबर के अंत में आयोजित की जाती थीं, लेकिन इस बार शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव के चलते परीक्षा नवंबर के पहले सप्ताह में रखी गई है। विद्यार्थियों ने कहा कि जब कोर्स पूरा नहीं हुआ है, तो परीक्षा की तैयारी अधूरी रह जाएगी।

राज्य स्तर पर तैयार होंगे प्रश्नपत्र

कक्षा 10-12 वीं की छमाही परीक्षाएं बोर्ड और वार्षिक परीक्षा की तर्ज पर होंगी। प्रश्नपत्र राज्य स्तर पर तैयार किए जाएंगे।

वार्षिक परीक्षा पर पड़ेगा असर

प्राचार्यों के अनुसार, अर्धवार्षिक और त्रैमासिक परीक्षाओं के अंक वार्षिक परीक्षा में जोड़े जाते हैं। ऐसे में यदि छात्र इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो इसका सीधा असर बोर्ड परीक्षा के परिणाम पर पड़ेगा। इस वर्ष बोर्ड परीक्षाएं फरवरी और जुलाई में दो चरणों में आयोजित की जा रही हैं, जिसके कारण अर्धवार्षिक परीक्षा की तारीखें पहले तय की गई हैं।

इनका कहना है

नौवीं और 11 वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में छमाही परीक्षा के अंक जोड़े जाएंगे। परीक्षा के बाद हर विद्यार्थी का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। जो विद्यार्थी कम अंक लाएंगे, उनकी अलग से तैयारी कराई जाएगी और अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाएंगी। हर स्कूल को 100 प्रतिशत रिजल्ट का लक्ष्य दिया गया है। इस बार फरवरी की शुरुआत से ही बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। इस कारण छमाही परीक्षाएं हमने दिसंबर की बजाय नवंबर में कराने का निर्णय लिया है, ताकि विद्यार्थियों की तैयारी बेहतर तरीके से हो सके।

— डीएस कुशवाहा, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल

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