जागरूकता है साइबर सुरक्षा का सबसे बड़ा हथियार: डॉ. यादव

Update: 2025-10-30 05:34 GMT

साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं है, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, लेकिन इस लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। जब नागरिक जागरूक होंगे, तभी राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।

रन फॉर साइबर अवेयरनेस में संदेश

मुख्यमंत्री बुधवार को अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से 'रन फॉर साइबर अवेयरनेस' को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विधायक भगवानदास सबनानी, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।

तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध के नए खतरे

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल युग में हमारी सशक्तता जितनी बढ़ी है, उतनी ही तेजी से साइबर अपराध के नए खतरे सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, हैकिंग, डेटा ब्रीचिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, ओटीपी धोखाधड़ी, ऑनलाइन शॉपिंग ठगी और फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसी घटनाओं में तेजी आई है।

ठगी होने पर 1930 पर करें कॉल

मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो जाए तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। उन्होंने कहा कि त्वरित कार्रवाई ही बचाव है और साइबर स्वच्छता को अपनाना उतना ही जरूरी है जितना स्वच्छता।

भारत डिजिटल क्रांति का अग्रदूत

डॉ. यादव ने कहा कि भारत आज डिजिटल क्रांति का अग्रदूत बन चुका है। डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन सेवाएं और ई-गवर्नेंस ने जीवन को आसान बनाया है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी, बैंक मैनेजर या सरकारी एजेंसी बनकर लोगों को ठग रहे हैं।

साइबर अपराध केवल पैसों की हानि नहीं

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि साइबर अपराध केवल पैसों की हानि नहीं है, बल्कि विश्वास, चरित्र और पहचान की भी क्षति होती है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित रहना केवल दरवाजा बंद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि मोबाइल लॉक करना भी जरूरी है।

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