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गिरिराज सिंह ने कहा - आकांक्षी जिलों में तेज करेंगे विकास की गति

Update: 2018-07-23 14:25 GMT

नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय अपनी वर्तमान योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नीति आयोग द्वारा चिन्हित 117 सर्वाधिक पिछड़े एवं नक्‍सल प्रभावित आकांक्षी जिलों में अधिकारियों की टीमों को भेजेगा। इस प्रयास का उद्देश्‍य सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों की स्‍था‍पना करने एवं उन्‍हें मजबूती प्रदान करने के प्रस्‍तावों को जिले से संकलित करना है।

इस आशय की जानकारी एमएसएमई राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह ने आज लोकसभा में दी। सिंह ने यह भी कहा कि सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम काफी संख्‍या में मौजूद हैं। देश में कृषि के बाद ये दूसरे सबसे बड़े नियोक्‍ता हैं। उन्‍होंने बताया कि इन उद्यमों ने देश भर में समावेशी विकास को आवश्‍यक सहयोग देने के साथ-साथ विकास की गति भी तेज की है।

एक अन्‍य प्रश्‍न के जवाब में सिंह ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय की योजनाएं असल में केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं जिनमें बजटीय आवंटन की विशिष्‍ट राशि को एससी, एसटी और पूर्वोत्तर क्षेत्र की आबादी के लिए अलग से निर्दिष्‍ट किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि एमएसएमई मंत्रालय में 18 प्रौद्योगिकी केन्‍द्र हैं जो प्रशिक्षिण देते हैं जिससे रोजगार सृजन में मदद मिलती है। देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में 15 नए प्रौद्योगिकी केन्‍द्र स्‍थापित करने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में संयुक्‍त राष्‍ट्र के एसएमई दिवस पर 27 जून, 2018 को 'एमएसएमई संपर्क' नामक एक रोजगार पोर्टल लांच किया गया है। यह पोर्टल एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म है जहां एमएसएमई प्रौद्योगिकी केन्‍द्रों से पास होने वाले प्रशिक्षु एवं विद्यार्थी के साथ-साथ नियोक्‍ता भी पारस्‍परिक लाभ के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

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