Sports Prince vs King: 'प्रिंस' से 'किंग' बन पाएंगे शुभमन गिल या नेमार की तरह अधूरी रह जाएगी कहानी?
From Football to Cricket, A Tale of Two Talents: नेमार जूनियर को एक समय लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो की कतार में अगला बड़ा फुटबॉल सुपरस्टार माना जा रहा था। ब्राजील के महान पेले के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने वाले नेमार के पास गजब की प्रतिभा थी लेकिन उनका करियर उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाया, जिसकी उनसे उम्मीद की गई थी। यह एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी है, जिसे 'प्रिंस' तो कहा गया लेकिन वह कभी 'किंग' नहीं बन सका।
नेमार की अधूरी विरासत
'वो प्रिंस जो कभी राजा नहीं बन पाया'... यह जुमला अक्सर नेमार जूनियर के लिए कहा जाता है। फुटबॉल की दुनिया में उन्हें सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में शुमार किया गया। इसके बावजूद नेमार उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए, जहां मेसी और रोनाल्डो जैसे दिग्गजों का दबदबा रहा। उन्होंने अब तक कभी बैलन डी'ओर जैसे बड़े व्यक्तिगत अवॉर्ड नहीं जीते हैं और न ही क्लब या देश के लिए लगातार बड़ी ट्रॉफियां अपने नाम की हैं।
‘प्रिंस’ का मतलब होता है ऐसा खिलाड़ी जिसमें बहुत टैलेंट और उम्मीद नजर आती है। वहीं ‘राजा’ उसे कहा जाता है जो लगातार अच्छा खेलकर खेल की दुनिया पर राज करता है। नेमार में टैलेंट तो था, लेकिन वो लगातार बड़ी जीत और सफलता हासिल नहीं कर पाए। इसलिए उन्हें 'राजा' नहीं कहा जा सका।
सबसे महंगे फुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल
नेमार ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत टीनएज में ब्राजील के क्लब सैंटोस एफसी से की थी। उन्होंने अपनी गजब की प्रतिभा और कौशल से दुनियाभर के फुटबॉल फैंस को चौंका दिया। शुरुआती सफलता के बाद उन्होंने कई व्यक्तिगत अवॉर्ड अपने नाम किए। इसके बाद नेमार ने यूरोप का रुख किया और बार्सिलोना क्लब से जुड़ गए, जहां उन्होंने मेसी और सुआरेज़ के साथ मिलकर शानदार फुटबॉल खेला। इसके बाद वह पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG) पहुंचे, जहां साइन करने के साथ ही वह अब तक के सबसे महंगे फुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल हो गए।
इंजरी बनी करियर की सबसे बड़ी रुकावट
बता दें 33 साल के नेमार का करियर एक तरफ शानदार रहा। वहीं दूसरी तरफ उन्हें लगातार चोटों का सामना भी करना पड़ा। बार-बार लगी गंभीर चोटें उनके प्रदर्शन में रुकावट बनीं। यही उनके डाउनफॉल की सबसे बड़ी वजहों में से एक रही। इन चुनौतियों के चलते उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।
वे वैश्विक स्तर पर फुटबॉल के सबसे बड़े खिताबों तक नहीं पहुंच सके, लेकिन एक बेहद प्रतिभाशाली और दर्शकों को लुभाने वाले खिलाड़ी के रूप में नेमार की पहचान आज भी बरकरार है। उन्हें अब भी अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन फुटबॉलरों में गिना जाता है।
क्या भारतीय क्रिकेट का 'प्रिंस' बन पाएगा अगला 'किंग'?
भारतीय टेस्ट टीम के नए और युवा कप्तान शुभमन गिल को मॉर्डन डे क्रिकेट का 'प्रिंस' कहा जा रहा है। वहीं विराट कोहली को सालों से 'किंग' के नाम से जाना जाता है। विराट अब इंटरनेशनल क्रिकेट के अंतिम दौर में हैं। वे टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके हैं और केवल वनडे खेल रहे हैं। ऐसे में गिल के पास कोहली की विरासत को आगे बढ़ाने का सुनहरा मौका है।
कप्तान के तौर पर डेब्यू टेस्ट में शतक लगाकर शुभमन ने जता दिया कि वह बड़ी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं। खुद पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुब्रमण्यम बद्रीनाथ उन्हें 'नया किंग' बता चुके हैं। करोड़ों फैंस की उम्मीदें अब शुभमन पर टिकी हैं कि वह कोहली की तरह भारतीय क्रिकेट पर राज करें।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या शुभमन गिल वाकई 'राजा' बन पाएंगे या फिर नेमार की तरह सिर्फ 'प्रिंस' ही बने रहेंगे? इसका जवाब भविष्य के प्रदर्शन में छिपा है।