Akash Deep: सरकारी नौकरी का सपना छोड़ा, अब इंग्लैंड में कहर बरपा रहा बिहार का लाल आकाश दीप
Akash Deep
Akash Deep is on fire: तेज गेंदबाज आकाश दीप इन दिनों इंग्लैंड की धरती पर अपनी ‘जादुई गेंदबाजी’ से खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में जब उन्होंने जो रूट को क्लीन बोल्ड किया, तो लगा जैसे भारत को एक नया सितारा मिल गया हो। जसप्रीत बुमराह की जगह मिले मौके को उन्होंने दोनों हाथों से लपका।अपनी धारदार गेंदों से इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। आकाश दीप के लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था। आइए इस लेख में उनके संघर्ष और सफलता के सफर पर एक नजर डालते हैं...
सरकारी नौकरी का सपना
आकाश दीप के पिता का सपना था कि उनका बेटा सुरक्षित भविष्य के लिए सरकारी नौकरी करे। वे चाहते थे कि आकाश पुलिस में कॉन्स्टेबल बने या बिहार सरकार में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में काम करे। बता दें आकाश की किस्मत ने उन्हें एक अलग राह पर मोड़ दिया। उनका मन क्रिकेट में ही रमता था। उन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद अपने जुनून को नहीं छोड़ा। आज वही जुनून उन्हें टीम इंडिया की जर्सी तक ले आया है।
पिता और भाई को खोकर भी नहीं टूटा हौसला
आकाश दीप का मन शुरू से क्रिकेट में ही लगता था, लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने कई बार सरकारी नौकरी की परीक्षाएं भी दीं। मगर जब परीक्षा देने जाते, तो जवाब लिखने की बजाय उत्तर पुस्तिका खाली छोड़कर आ जाते। 15 दिसंबर 1996 को बिहार के सासाराम में जन्मे आकाश दीप के जीवन में असली मोड़ तब आया जब उन्होंने टीम इंडिया में पहली बार जगह बनाई।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे जीवन की एक घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। नौकरी की तलाश उन्हें बंगाल के दुर्गापुर ले गई, जहां उनके चाचा रहते थे। वहीं उन्होंने स्थानीय क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। तभी जिंदगी ने उन्हें बड़ा झटका दिया। पहले पिता को स्ट्रोक आया और उनका निधन हो गया। दो महीने बाद बड़े भाई की भी मृत्यु हो गई। इन गहरे ज़ख्मों के बीच आकाश ने खुद को बिखरने नहीं दिया।
पिता और भाई के जाने के बाद अकेले संभाला परिवार
पिता और बड़े भाई के निधन के बाद आकाश दीप पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। घर में कोई कमाने वाला नहीं था। ऐसे में मजबूरी में उन्होंने क्रिकेट छोड़ दिया। तीन साल बाद उन्हें फिर यह अहसास हुआ कि क्रिकेट ही उनकी असली पहचान है और इसके बिना वे अधूरे हैं। यही जुनून उन्हें दोबारा दुर्गापुर की क्रिकेट अकादमी तक खींच लाया। यहां से उन्हें बंगाल अंडर-23 टीम में पहला मौका मिला। इसके बाद आकाश दीप दुर्गापुर से कोलकाता शिफ्ट हो गए। एक किराये के मकान में रहने लगे। कुछ ही समय में उन्हें बंगाल की रणजी टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
IPL ने बदली किस्मत
क्रिकेट के प्रति जुनून और लगातार मेहनत ने आखिरकार आकाश दीप को वो मुकाम दिलाया, जिसका उन्होंने सपना देखा था। साल 2022 में उन्हें आईपीएल का कॉन्ट्रेक्ट मिला और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने उन्हें 20 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया। आईपीएल में दमदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने टीम इंडिया में भी अपनी जगह बनाई। आज आकाश दीप भारतीय टीम के सबसे भरोसेमंद तेज़ गेंदबाजों में गिने जाते हैं। आईपीएल में वे अब तक 14 मैचों में 10 विकेट ले चुके हैं और वर्तमान में लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम का हिस्सा हैं।
आकाश दीप की ‘ड्रीम डिलीवरी’
एजबेस्टन टेस्ट की दूसरी पारी में आकाश दीप ने इंग्लैंड के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज जो रूट को ऐसी गेंद पर आउट किया, जिसे क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने "ड्रीम डिलीवरी" कहा। चोट से वापसी कर रहे आकाश दीप की तेज रफ्तार और सटीक लाइन-लेंथ ने रूट को पूरी तरह चौंका दिया। उनकी इस गेंद का जवाब रूट के पास नहीं था। आकाश दीप की गेंदबाजी को टीम इंडिया के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्कल और साथी गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने भी खूब सराहा है। एजबेस्टन टेस्ट से पहले आकाश दीप 7 टेस्ट में 15 विकेट और 38 फर्स्ट क्लास मैचों में कुल 128 विकेट अपने नाम कर चुके हैं।