Kabaddi: झज्जर का युवा कबड्डी सितारा आज करेगा प्रो कबड्डी में डेब्यू, बंगाल वॉरियर्स से खेलेगा पहला मुकाबला
Jhajjar Puneet Kadian Bengal: झज्जर के दूबलधन गांव का बेटा पुनीत कादियान आज प्रो कबड्डी में नया इतिहास रचने उतरने वाला है। रविवार को होने वाले मुकाबले में वह बंगाल वॉरियर्स की जर्सी पहनकर हरियाणा टीम के खिलाफ मैदान में दिखाई देगा। बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर पुनीत को बंगाल वॉरियर्स ने 22 लाख रुपए का कॉन्ट्रैक्ट ऑफर किया है।
झज्जर के रहने वाले कबड्डी खिलाड़ी पुनीत कादियान को प्रो-कबड्डी लीग में बंगाल वॉरियर्स ने 22 लाख रुपए में अपनी टीम से जोड़ा है। वह रेडर के तौर पर आज हरियाणा की टीम के खिलाफ पहले मुकाबले में मैदान पर उतरेंगे। पुनीत के ताऊ पवन कादियान का कहना है कि परिवार को पूरी उम्मीद है कि पुनीत आज मैदान में अपनी टीम की ओर से बेहतरीन रेड करेंगे और शानदार प्रदर्शन दिखाएंगे।
बंगाल वॉरियर्स के रेडर के रूप में करेंगे आगाज़
पुनीत कादियान प्रो कबड्डी लीग में बंगाल वॉरियर्स के रेडर के रूप में मैदान पर उतरेंगे। उनका कॉन्ट्रैक्ट दो साल का है। पुनीत की ट्रेनिंग उसी कोच ने की है जिन्होंने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा को निखारा था। बंगाल वॉरियर्स की टीम में कुल 12 खिलाड़ी शामिल हैं। इनमें से दो खिलाड़ी लेफ्ट रेडर हैं। एक पंजाब से और दूसरा हरियाणा के झज्जर जिले से आने वाले पुनीत कादियान हैं।
दिल्ली और गुजरात से भी मिले थे ऑफर
पुनीत के ताऊ पवन कादियान के अनुसार, जब पुनीत ने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में टॉप किया था तब उसे दिल्ली और गुजरात की टीमों ने 26 लाख रुपए तक के कॉन्ट्रैक्ट ऑफर किए थे। हालांकि, पुनीत ने बंगाल वॉरियर्स का हिस्सा बनने का फैसला किया। आज वह टीम के लिए मैदान में उतरेंगे।
पुनीत अपनी फिटनेस को लेकर बेहद अनुशासित हैं। वे बाहर का खाना नहीं खाते और घर के घी से बने भोजन को ही प्राथमिकता देते हैं। पुनीत ज्यादातर काम लेफ्ट हैंड से करते हैं, जिसके कारण उन्हें "लेफ्टी रेडर" के नाम से भी जाना जाता है।
माता-पिता की इकलौती संतान
झज्जर जिले के दूबलधन गांव के रहने वाले पुनीत कादियान अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनके पिता नसीब कादियान खेती-बाड़ी करते हैं, जबकि मां पूनम देवी गृहिणी हैं। 10 मई 2006 को जन्मे पुनीत ने शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की।
पुनीत ने 6वीं कक्षा तक की शिक्षा गांव से ली और इसके बाद 7वीं से 12वीं तक की पढ़ाई अपने मामा के पास सोनीपत में पूरी की। वर्तमान में वे पंजाब के तलवंडी साबो स्थित गुरु कांशी यूनिवर्सिटी से बीए फर्स्ट ईयर कर रहे हैं।
पुनीत जब 6वीं कक्षा में थे, तभी उनके मामा जगमाल नरवाल ने उनकी फुर्ती और फिजिकल एक्टिविटी देखकर समझ लिया था कि वह कबड्डी में अच्छा कर सकते हैं। इसके बाद वे उन्हें अपने साथ सोनीपत के गांव रिढ़ाना ले आए, जहां पढ़ाई के साथ-साथ पुनीत ने कबड्डी को भी निखारा।