Italian Open: जोकोविच का बड़ा फैसला, लगातार तीन हार के बाद इटालियन ओपन से लिया नाम वापस...
Novak Djokovic pulled out of the Italian Open tennis : सर्बिया के टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच ने लगातार तीन मैच हारने के बाद बड़ा कदम उठाया है। अपने 100वें खिताब की तलाश में जुटे जोकोविच ने इटालियन ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है। इस फैसले को वर्ष के दूसरे ग्रैंडस्लैम फ्रेंच ओपन की तैयारी के रूप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां वह रिकॉर्ड 25वीं ग्रैंडस्लैम ट्रॉफी जीतने का लक्ष्य रखेंगे।
रोम में अगले महीने क्ले कोर्ट पर होने वाले इटालियन ओपन टूर्नामेंट के आयोजकों ने सोशल मीडिया पर घोषणा की, कि नोवाक जोकोविच इस साल प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे। आयोजकों ने लिखा "अगले साल मिलते हैं, नोल।" बता दें कि जोकोविच को उनके फैंस और साथी खिलाड़ियों द्वारा "नोल" के नाम से भी पुकारा जाता है। यह निर्णय जोकोविच की चोटों और पिछले कुछ मुकाबलों में उनकी लगातार हार के बाद लिया गया है।
लगातार हार बन रही है चुनौती
सर्बिया के 37 वर्षीय टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच इस सीजन में संघर्ष कर रहे हैं। उनका प्रदर्शन इस सत्र में अपेक्षाकृत कमजोर रहा है। उन्हें पिछले तीन टूर्नामेंट्स यानि मियामी ओपन, मोंटे कार्लो मास्टर्स और मैड्रिड ओपन में हार का सामना करना पड़ा। इस सीजन उनका जीत-हार का रिकॉर्ड 12-6 है।
स्पेन में मातेओ आर्नाल्डी से हारने के बाद जोकोविच ने स्वीकार किया था कि यह अनुभव पिछले 20 वर्षों के पेशेवर टेनिस करियर से बहुत अलग है। उन्होंने कहा, "कोर्ट पर इस तरह की भावनाओं का सामना करना मेरे लिए मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण है। अब मुझे नियमित रूप से टूर्नामेंट से जल्दी बाहर होना पड़ता है।"
फ्रेंच ओपन की ओर बढ़ते जोकोविच
नोवाक जोकोविच लंबे समय तक एटीपी रैंकिंग में शीर्ष पर रहे हैं, लेकिन फिलहाल वह पांचवें स्थान पर हैं। पिछले साल पेरिस ओलंपिक में उन्होंने कार्लोस अल्कारेज को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। जोकोविच हमेशा यह कहते आए हैं कि उनका मुख्य उद्देश्य बड़े टूर्नामेंटों में जीत हासिल करना है।
उनका अगला बड़ा लक्ष्य पेरिस में शुरू होने वाला फ्रेंच ओपन है, जो 25 मई से शुरू होगा। पिछले साल घुटने में चोट के कारण वह रोलां गैरों में हिस्सा नहीं ले सके थे, क्योंकि उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी। इसी तरह इस साल जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन में भी वह चोट के कारण अपना अभियान आगे नहीं बढ़ा सके थे।