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डिजिटल युग में हैकर्स से देश की सुरक्षा का खतरा बढ़ा

योगेश कुमार सोनी

Update: 2019-12-08 11:04 GMT

बीते लगभग एक वर्ष के दौरान अपने देश में 110 वेबसाइट हैक हुई हैं। इसमें से लगभग पचास महत्वपूर्ण साइट केंद्र सरकार व राज्य सरकारों की हैं। यह हैकर्स चीन, पाकिस्तान, नीदरलैंड, फ्रांस, ताइवान, रूस, सर्बिया जैसे देशों से हैं जो हमारी सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं। पिछले दिनों यह मामला राज्यसभा में भी गूंजा। तब केंद्र सरकार ने कहा कि साइबर टीम भी यह मान रही है कि साइबर सुरक्षातंत्र को और अधिक सुरक्षित करने की जरूरत है। हैक होने की जानकारी सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंडियन कम्प्यूटर इमर्जेंसी रेस्पांस टीम के हवाले से दी और यह भी बताया कि जो बेवसाइट हैक हुई हैं उनके आईपी एड्रेस से पता चला है कि सबसे ज्यादा पाकिस्तान और चीन से हैक किया जा रहा है। सरकार ने यह भी बताया कि हमारी साइबर सुरक्षा टीम अन्य देशों के साथ लगातार संपर्क में रहती है जिससे हैकिंग न हो। लेकिन देश की इतनी महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैक होने से स्पष्ट हो रहा है कि इतने दावों के बावजूद साइबर स्पेस सुरक्षा अभी बेहद कमजोर है। यह मामला पहली बार नहीं हुआ है, लेकिन आज के डिजिटल युग में ऐसी घटना हमारे लिए चिंताजनक है। वह भी तब जब हम डिजिटल युग की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

इसी वर्ष पाकिस्तानी हैकर्स ने करीब सौ वेबसाइट हैक की थी। जिसमें बीजेपी के नागपुर दफ्तर व गुजरात की वेबसाइट के अलावा भाजपा नेता आईके जडेजा का ब्लॉग भी था। अगस्त 2019 में अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म फायर आई ने बताया था कि हैकर्स ने भारत की एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा वेबसाइट को हैक कर लिया था। हैकर्स ने मरीज और डॉक्टर की जानकारी वाले 68 लाख रिकॉर्ड को चोरी कर लिया। हालांकि फायर आई ने वेबसाइट का नाम नहीं बताया था, लेकिन यह जानकारी दी थी कि इसमें अधिकतर हैकर्स चीन के थे, जो स्वास्थ्य संगठनों और वेब पोर्टलों से चोरी किए गए डेटा को बेच रहे थे।

जाहिर है कि मौजूदा समय में हमारे देश में इंटरनेट का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए इंटरनेट प्रक्रिया को सुरक्षित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। पिछले दशकभर की बात करें तो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा डिजिटल होने का दावा हम करते आ रहे हैं। तरक्की की तस्वीर भी अच्छे परिदृश्य के साथ दिख रही है। लेकिन हैकर्स हमारी इस तरक्की में बाधा बन रहे हैं। अब आम से लेकर खास लोग डिजिटल इंडिया का हिस्सा बन रहे हैं। आज हर व्यक्ति एक मोबाइल से अपनी जिंदगी से जुड़े कार्य करने लगा है। हर चीज का ऐप बन रहा है। यदि लोगों को यह आभास हो जाए कि हमारे देश में इतनी महत्वपूर्ण साइट हैक हो रही हैं तो उनके छोटे से सिस्टम को हैक करना कोई बड़ी बात नहीं है। इससे हमारी विकास की गति रुक सकती है।

पिछले दिनों सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अनिका चोपड़ा नाम की एक महिला भारतीय सेना के जवानों को अपनी अदाओं का दीवाना बनाकर खुफिया जानकारी लेती थी। सूत्रों के अनुसार अनिका चोपड़ा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट थी। वह जवानों को हनीट्रैप का शिकार बनाती थी। वह इससे पहले भी भारतीय सेना से जुड़े युवकों को अपने जाल में फंसा चुकी थी। हालांकि यह तय नहीं हो पाया था कि उसका नाम सही है या नहीं। लेकिन वह पाकिस्तान के लिए काम करती थी, इस बात की पुष्टि हो गई थी। हमारे आसपास के कई देश किसी भी हाल में हमारे देश की खुफिया जानकारी लेने का प्रयास करते रहते हैं। यह तो एक-दो उदाहरण हैं जो हमारे सामने आ रहे हैं। न जाने इसके अलावा भी किस-किस माध्यम से हम पर निगाह रखी जा रही है।

सरकार को हैकर्स का खेल समझते हुए इस दिशा में बहुत काम करना होगा। क्योंकि, यदि किसी दिन कोई बड़ी घटना हो गई और देश का भारी नुकसान हो गया तो हाथ मलने और निंदा करने के अलावा कुछ नहीं बचेगा। जान-माल के अलावा भी नुकसान के कई रुप हो सकते हैं। अस्तु, केंद्र सरकार को उन मुल्कों से सहायता लेनी चाहिए जो इस मामले में अच्छे से काम कर रहे हैं। यदि ऐसे मामलों के इतिहास को देखा जाए तो हैकर्स ने कई देशों को नुकसान पहुंचाया है। खुफिया जानकारी और स्वास्थ संबंधित सेवा के अलावा देश की बड़ी कंपनियों को क्षति पहुंचाई जाती है। आज लगभग सभी सरकारी काम भी वेबसाइटों द्वारा होने लगे हैं। हर छोटे-बड़े काम करने के लिए हम इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। इसमें भी दो राय नहीं है कि हमने इस क्षेत्र में बहुत काम किया है और अभी भी लगातार जारी है। लेकिन अब इसके और विस्तार से पहले इसकी सुरक्षा को पुख्ता करना बेहद अनिवार्य है। 

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