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बोलते छायाचित्र : मेले के इतिहास से परिचय कराती प्रदर्शनी

Update: 2019-02-17 18:15 GMT

छायाकार केदार जैन के अतुलनीय प्रयास लूट रहे वाहवाही

ग्वालियर व्यापार मेले की ऐतिहासिकता से हर कोई परिचित है, लेकिन इस परिचय को स्मरण रखना भी आवश्यक है। मेले में कौन महान हस्तियां आईं और कब क्या हुआ? इसकी जानकारी आज अंगुलियों पर गिनने वाले लोगों को ही होगी। श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले में एक ऐसी प्रदर्शनी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है, जो निश्चित ही मेला की ऐतिहासिकता को प्रमाणित कर रही है। ग्वालियर के छायाकार केदार जैन ने इस प्रदर्शनी के माध्यम से अपनी पूरी प्रतिभा का लोहा मनवाने का कार्य किया है। आगंतुक बंधु इस प्रदर्शनी को देखकर वाहवाही तो कर ही रहे हैं, साथ ही मेले के ऐतिहासिक मानचित्रों को अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं। प्रदर्शनी में कुछ छायाचित्र तो ऐसे बन पड़े हैं, जो अत्यंत ही कठिन प्रयत्नों से एकत्रित किए गए हैं। केदार जैन छायांकन के क्षेत्र में एक चिर परिचित नाम है, उनके द्वारा किया गया यह प्रयास उनके परिचय क्षेत्र को और विस्तार देने का कार्य कर रहा है।

ग्वालियर व्यापार मेले में 113 वर्षों के दुर्लभ छायाचित्रों, समाचार पत्रों एवं ग्वालियर चंबल संभाग के 1100 वर्ष पूर्व ऐतिहासिक, पुरातात्विक स्मारकों की धरोहरों को पहली बार बलुआ पत्थर पर प्रिंट कर एवं पत्थर पर उकेर कर बनाये गये 3डी रेपलिका प्रदर्शनी सेक्टर में प्रदर्शित किये गये हैं। ग्वालियर मेले के इतिहास में पहली बार मेले के 113 वर्षों के स्वर्णिम अतीत को समेटे हुए यह प्रदर्शनी बुद्धिजीवियों, पुरातत्वविदों, इतिहासकारों, कलाप्रेमियों, शोधार्थियों सहित लाखों सैलानियों का आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इस प्रदर्शनी में ग्वालियर मेले की पूर्व आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं राजनैतिक व्यवस्थाओं का बखूबी प्रदर्शन है।

वर्तमान समय में यह प्रदर्शनी पूर्व की मेले की यादें एवं पूर्व ग्वालियर के इतिहास को तरोताजा कर रही है। मेले में आये लाखों सैलानियों के अनुसार यह प्रदर्शनी शानदार पहल है। इस प्रदर्शनी में सैलानी मेले के इतिहास में खो जाते हैं। इस प्रदर्शनी में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के मेले के बचपन के स्वअनुभवों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी आने वाली पीढिय़ों के लिए काफी शिक्षाप्रद, मोहक और ऐतिहासिक बहुमूल्य धरोहरों को समेटे हुए है।

इस प्रदर्शनी में मेले के प्राचीन दृश्य ग्रामीण खेल-कूद जीवन की अद्भुत तस्वीरें हैं एवं हमारे पूर्वजों और अपने ऐतिहासिक धरोहरों पर गौरवान्वित करती है। इस प्रदर्शनी का आनंद अभी तक लाखों सैलानी उठा चुके हैं। इस प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, बाल विकास मंत्री इमरती देवी महिला, पशुपालन मंत्री लाखन सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओ.पी.एस. भदौरिया विधायक मेहगाँव, मुन्नालाल गोयल विधायक इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर चुके हैं। इस प्रदर्शनी का आयोजन मेला अवधि तक श्रीमंत माधावराव सिंधिया व्यापार मेला प्राधिकरण ग्वालियर द्वारा किया गया है।

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