सीवर प्रोजेक्ट हादसा; शराब पिलाकर काम करा रहा था ठेकेदार, पेटी ठेकेदार के ऊपर मुकदमा दर्ज

Update: 2024-01-12 17:17 GMT

सहकर्मी श्रमिकों ने खोली ठेका कंपनी की पोल

सुरक्षा के मापदंडो को दरकिनार कर किया जा रहा था कार्य, राज्य मंत्री ने जताई नाराजगी

सतना। स्मार्ट सिटी सतना के सीवर प्रोजेक्ट का चेंबर बनाने के दौरान जिस प्रकार का हादसा हुआ वह महज एक घटना नहीं बल्कि ठेकेदार के द्वारा श्रमिकों के शोषण किए जाने का प्रमाण है। ठेका कंपनी प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए मैनपॉवर बढ़ाने की बजाए उपलब्ध श्रमिकों पर दबाव बनाकर काम करा रही है। जब कोई श्रमिक काम करने से मना करता है तो प्रोजेक्ट के मैनेजर द्वारा उसे शराब पिलाकर काम के लिए तैयार किया जाता था। मारुति नगर की शारदा कॉलोनी में हादसे का शिकार बने राम खिलाड़ी भी इसी के चलते मौत के मुंह में समा गया। बताया जाता है कि चेंबर में पाइप डालने के लिए सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं दिए जाते, लिहाजा मजदूर तैयार नहीं होते। काम निकलवाने के लिए ठेका कंपनी के जिम्मेदार साइट मैनेजर के द्वारा शराब पिलाई जाती है और काम करने को विवश किया जाता है। श्रमिक की मौत के बाद साथ में काम करने वाले कर्मचारियों ने खुलासा किया। इस घटना के बाद से ठेका कंपनी एन विराट की कार्यशैली से श्रमिक बेहद नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा और नौकरी दिया जाना चाहिए। इसके अलावा ठेकेदार के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की गलतियां नहीं दोहराए। इस मामले पर मृतक के भाई की शिकायत पर पेटी ठेकेदार कल्लू वासी के ऊपर कोलगंवा थाना में धारा 304 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। साथ ही इस मामले पर जिम्मेदारों को अभय दान दिया जा रहा है। हादसे को लेकर शुक्रवार को नगर विकास एंव आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने नगर निगम स्वामी विवेकांनद भवन में महापौर योगेश ताम्रकार, अध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी पालन, निगमायुक्त अभिषेक गेहलोत की मौजूदगी में बैठक ली। इस दौरान उन्होने सीवर प्रोजेक्ट के हो रहे कार्यो की समीक्षा की और नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही कहा कि सुरक्षा के मापदंडो को दरकिनार कर हो रहे कार्यो से आमजन असुरक्षित महसूस कर रहा है, इस व्यवस्था को दुरूस्त करिए और सार्थक परिणाम दिखाई देने चाहिए।

एई सिद्वार्थ सिंह ने रखा पक्ष

राज्य मंत्री जब बैठक ले रहीं थी उसी वक्त उन्होने जवाब तलब किया तो एई सिद्वार्थ सिंह ने पक्ष रखा और नगर निगम और संविदा कंपनी के मध्य हुए शर्तिंया करार की जानकारी दी। जिसमें श्रीमती बागरी ने कहा कि कागज में कुछ और मौके पर कार्य करने का तरीका कुछ और है, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लिहाजा आगे के कार्य नियम, शर्तो के अनुरूप और सुरक्षात्मक तरीके से करवाया जाए।

न ट्रंच बाक्स और न सीढ़ी दी

सीवर और अन्य प्रकार की गहराई में काम करने के दौरान ठेका कंपनियों को सेफ्टी रुल अपनाना चाहिए, हालांकि यहां पर ऐसा नहीं किया गया। न तो मौके पर कोई ट्रंच बाक्स दिया गया था और न ही गहराई पर उतरने के लिए सीढ़ी ही दी गई थी। बताया जाता है कि 4 फीट से ज्यादा गहराई पर खुदाई होने के दौरान सेफ्टी ट्रंच बाक्स दिया जाना चाहिए। जो कि मिट्टी धसकने के दौरान सुरक्षा में बेहद कारगर साबित होता है। यही नहीं कंपनी के द्वारा माउंटेन चैन के हेड बकेट से ही मजदूरों का उतारा जा रहा है, जिससे हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। यहां सीढ़ी का भी कहीं उपयोग नहीं किया गया।

कहां थे नगर निगम के इंजीनियर

यहां एक और विषय उल्लेखनीय है कि जब सीवर प्रोजेक्ट का काम चल रहा था तो नगर निगम के जिम्मेदार इंजीनियर्स भी गायब थे। ठेकेदार के अंट्रेंड कर्मचारी मजदूरों से काम करा रहे थे और नगर निगम के इंजीनियर दीपक बागरी, एई सिद्धार्थ सिंह तथा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नागेन्द्र सिंह में से कोई मौके पर मौजूद नहीं था। कुल मिलाकर सभी प्रोजेक्टों के काम अंधेरगर्दी के बीच चल रहा है। नगर निगम के अधिकारी मापदंडों की जांच करने तक नहीं पहुंचते।

राज्यमंत्री पहुंची घटना स्थल

प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने शुक्रवार को नगर निगम के वार्ड क्रमांक 10 शारदा कॉलोनी का के घटना स्थल का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से घटना की रिपोर्ट तलब करते हुए मृतक के परिजनों को सहायता पहुंचाने का भरोसा दिया। साथ ही घटना के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने के संकेत दिए।

अखर गई 91वे पायदान पर सतना की रैंकिग

समीक्षा के दौरान राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने हाल ही में जारी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों पर भी जिम्मेदारों की क्लास ली। उन्होने कहा कि पिछले सर्वेक्षण की अपेक्षा हमारी रैंकिग और नीचे गिरी है जो कि ठीक बात नहीं है। आगे स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे काम करना है, किस प्लानिंग से क्या होगा इन सभी बिन्दुओ पर मंथन कर कार्य करें।

श्रमिक की मौत पर तत्काल हो एफआईआर- शंकरलाल तिवारी

सीवर लाइन प्रोजेक्ट में खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से हुई दुर्घटना को पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी ने दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है। श्रमिक की जान बच सकती थी लेकिन ठेका कम्पनी की घोर लापरवाही और मनमानी के कारण श्रमिक को अपनी जान गवानी पड़ी। ठेका कम्पनी के जिम्मेदारों पर तत्काल हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार करें व ठेका कम्पनी से मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और आश्रित को नौकरी सुनिश्चित करें। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीवर लाइन प्रोजेक्ट में कोताही न बरती जाए नियमानुसार कार्य करें जिससे अब इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

नगर निगम प्रशान और राज्य सरकार के भ्रष्टाचार का नतीजा है श्रमिक की मौत- सिद्वार्थ कुशवाहा

सीवर लाइन प्रोजेक्ट की खुदाई से जहां पूरा शहर नर्क बना हुआ है वहीं अब इस प्रोजेक्ट के चलते श्रमिकों को अपनी जांन गवानी पड़ रही है। गुरूवार को शारदा नगर में हुए हादसे के मामले पर सतना विधायक सिद्वार्थ कुशवाहा ने कहा है कि हादसे में श्रमिक की मौत होने पर परिवारजनों को उचित मुआवजा और एक नौकरी दी जाए। साथ ही सीवर प्रोजेक्ट का कार्य कर रही संविदा कंपनी के ऊपर गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। आगे श्री कुशवाहा ने कहा कि स्मार्ट सिटी में जिस अराजक तरीके से विकास कार्य हो रहे हैं ।उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि नगर निगम प्रशासन और सरकार के नुमांइदे स्मार्ट सिटी के ठेकेदारों के सामने नतमस्तक हैं।

जी -हुजूरी में लगे अधिकारी और सत्ता के लोग

विधायक सिद्वार्थ कुशवाहा ने कहा कि सत्ता धारी लोग और निगम के जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदारों की जी हुजूरी करना छोड़ दें। अव्यवस्थित प्लान के तहत हो रहे विकास से स्मार्ट सिटी नर्क में बदल चुका है। सीवर प्रोजेक्ट पिछले 6 वर्षो से चल रहा है और नतीजा यह कि पूरा होने की अपेक्षा जान लेने में तुला हुआ है। नगर निगम के जिम्मेदारों को खुदाई और सड़क निर्माण के बाद फिर याद आना है कि फिर खुदाई करना है, करोड़ो अरबो के बजट को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। लिहाजा विधायक ने आग्रह किया है कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाए तो बेहतर होगा। स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे सभी कार्यों में गुणवत्ता की जि़म्मेदारी तात्कालिक नगर निगम के अधिकारियों की होगी अगर शहर की जानता के साथ किसी भी तरह छल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा  

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