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देवगुरु बृहस्पति 4 नवंबर को करेंगे राशि परिवर्तन, सभी के जीवन में होंगे बड़े बदलाव

Update: 2019-11-04 07:44 GMT

ग्वालियर। धन, समृद्धि और विद्या के कारक गृह गुरुदेव 5 नवंबर की सुबह अपनी राशि परिवर्तन कर रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति वृश्चिक राशि से निकलकर अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु में प्रवेश करेंगे। इससे धन संबंधी समस्याएं समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार गुरु ग्रह के राशि परिवर्तन से सोने, चांदी, जमीन जायदाद के कार्यों में तेजी आएगी। वहीं सेंसेक्स में भी उछाल आएगा। साथ ही धार्मिक आस्थाओं में भी वृद्धि होगी। दुश्मन देशों पर भारत पहले से ज्यादा प्रभावशाली कार्रवाई करेगा, जिससे उसकी पकड़ और मजबूत होगी। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत सरकार महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में 5 नवंबर की सुबह प्रवेश करेगा। इसके बाद 20 नवंबर 2020 को मकर राशि में गुरु का गोचर होगा। धनु राशि में गुरु 17 जनवरी से 14 फरवरी के मध्य अज्व स्थिति में रहेंगे। जबकि 14 मई से 13 सितम्बर तक 2020 तक गुरु की चाल वक्री रहेगी। वक्र अवस्था के दौरान भी गुरु 30 मार्च से 30 जून तक मकर राशि में गोचर करेंगे। 30 जून को दोबारा पुन धनु राशि में आकर वक्री होंगे। गुरु के इस गोचर का मनुष्य और देश की अर्थव्यवस्था पर अच्छा बुरा असर देखने को मिलेगा।

धनु राशि में जब गुरु गोचर करेंगे उस समय शनि और केतु पहले से ही युति चल रही होगी। 24 मई तक इस राशि में केतु और शनि के साथ गुरु रहेंगे। 24 जनवरी को शनि के मकर राशि में प्रवेश के बाद गुरु अपना असल प्रभाव देंगे।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गाय और श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने से धन और सुख की प्राप्ति होती है। इस बर्ष गोपाष्टमी 4 नवंबर को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस बार गोपाष्टमी पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण पहली बार गाय को चराने के लिए ले गए थे।

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