भारत के एक्शन के बाद निकली की हेकड़ी: पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए तैयार पकिस्तान, चीन से लगाई मदद की गुहार
Pakistan is Ready to Investigate Pahalgam Terrorist Attack : इस्लामाबाद। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत द्वारा लिए गए सख्त फैसलों से अब पकिस्तान की साड़ी हेकड़ी निकल गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले की निष्पक्ष जांच के लिए तैयार होने की बात कही है। वहीँ दूसरी तरह पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने इस्लामाबाद में चीनी राजदूत जियांग जेड से मुलाकात की। घबराया पकिस्तान चीन से मदद की गुहार लगाने पहुंचा है।
पाकिस्तानी न्यूज चैनल डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के काकुल में पाक मिलिट्री अकादमी में पासिंग-आउट परेड को संबोधित करते हुए पीएम शहबाज ने कहा, "पहलगाम में हुई घटना इस निरंतर दोषारोपण के खेल का एक और उदाहरण है, जिसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।"
पानी को लेकर तिलमिलाया पाकिस्तान
सिंधु जल संधि के निलंबन ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। शहबाज ने तिलमिलाते हुए कहा, "पानी हमारी जिंदगी है। 24 करोड़ लोग इसके लिए लड़ेंगे।" उन्होंने इसे "युद्ध की कार्रवाई" तक करार दिया। उनके डिप्टी पीएम इशाक डार ने आतंकियों को "स्वतंत्रता सेनानी" कहकर पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर किया, जबकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु हथियारों की धमकी दी। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की घोषणा की।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। भारत ने इसे सीधे तौर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हम न केवल हमलावरों को बल्कि उनके पीछे बैठे साजिशकर्ताओं को भी सजा देंगे।"
भारत ने लिए ये फैसले
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले लेते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित किया,अटारी-वाघा सीमा बंद और पाकिस्तानी नागरिकों के सभी SAARC वीजा रद्द करते हुए उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया। इसके अलावा पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित कर एक हफ्ते में भारत छोड़ने का फरमान सुनाया है।
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कठोर कदमों को मंजूरी दी। भारत ने यह भी घोषणा की कि वह इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाएगा और दोनों देशों के उच्चायोगों की स्टाफ संख्या को 55 से घटाकर 30 करेगा।