नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वाहन कंपनियों को आयात पर निर्भरता कम करने को कहा
विशेष प्रतिनिधि, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ऑटो और मोबाइल कंपनियों को अपनी जरूरत के सभी महत्वपूर्ण खनिजों और अन्य वस्तुओं की वैल्यू चेन भारत में ही विकसित करने के लिए कहा है। देश में क्रिटिकल मिनिरल की कमी और चीन के इनके आयात पर रोक लगाने के बाद बहुत ही कंपनियों को अपने उत्पादन में कमी करनी पड़ रही है। इसलिए सरकार ने इन कंपनियों को कहा है कि वो इन क्रिटिकल वस्तुओं का उत्पादन भारत में ही करें।
केंद्रीय खनन मंत्रालय के एक अधिकारी ने “स्वदेश” को बताया कि, हमने ऑटो और मोबाइल कंपनियों को कहा है कि वो किसी भी कंपोनेंट के लिए विदेशी आयात पर निर्भर रहने की बजाए यहां खुद ही उसका निर्माण करें। जहाँ तक रेयर अर्थ का सवाल है तो एक कंपनी मिडवेस्ट हैदराबाद में 1000 करोड़ रुपये इसका प्लांट लगाने जा रही है। जिसमें इस साल दिसंबर तक 500 टन का उत्पादन शुरु हो जाएगा। भारत दुनिया का 7वें नंबर का रेयर अर्थ उत्पादक है, लेकिन इसके बाद भी उसकी मांग बहुत ज्यादा है और इसी वजह से चीन के आयात रोकने का असर भारतीय कार, स्कूटर और मोबाइल पर दिखने लगा है।
दरअसल रेयर अर्थ या फिर क्रिटिकल मिनिरल इतने कम मात्रा में लगते हैं कि ज्यादा कार, स्कूटर या फिर वाहन बनाने वाली कंपनियां इनको बनाने की बजाए आयात करना ही बेहतर समझती हैं, यह कुल उत्पादन में लगने वाले सामान में एक परसेंट भी नहीं होते, लिहाजा कंपनियां वेंडर्स के जरिए ही इन्हें मंगाती हैं। इसलिए सरकार अब कंपनियों को इन रेयर अर्थ और अन्य क्रिटिकल मिनरल का उत्पादन खुद ही करने के लिए कह रही हैं।