उदयपुर कन्हैयालाल हत्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत रद्द करने की याचिका, हाईकोर्ट का फैसला बरकरार

Update: 2025-09-02 14:26 GMT

Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर के कन्हैया लाल हत्या मामले में एक आरोपी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए आरोपी मोहम्मद जावेद को दी गई जमानत को बरकरार रखा।

न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और कन्हैया लाल के बेटे यश की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि जावेद ने हत्यारों को कन्हैया लाल के ठिकाने की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर 28 जून, 2022 को उदयपुर के हाथीपोल इलाके में इस जघन्य हत्या को अंजाम दिया गया।

याचिका में दावा किया गया कि यह हत्या सांप्रदायिक रूप से उत्तेजित माहौल में की गई। मुख्य आरोपियों, मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौसे ने हथियार जुटाए, दुकान की रेकी की और जावेद के जरिए कन्हैया लाल की मौजूदगी की जानकारी हासिल की। घटना के दिन, आरोपी ग्राहक बनकर दुकान में घुसे, नाप लेने के दौरान कैमरा लगाया और सांप्रदायिक नारे लगाते हुए कन्हैया लाल पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। हत्यारों ने इस कृत्य का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाला।

एनआईए के मुताबिक, जावेद पास की दुकान पर काम करता था और उसने हमलावरों को कन्हैया लाल के ठिकाने की जानकारी दी थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट का जमानत देने का फैसला उचित नहीं था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी।

क्या है मामला ?

28 जून, 2022 को उदयपुर के व्यस्त हाथीपोल इलाके में कन्हैया लाल की उनकी दुकान पर चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। एनआईए की जांच में सामने आया कि हत्या का कारण कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन था। इस मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है और मुख्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।

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