सरकारी पद को कहा 'ना': रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे CJI गवई? बताया अपना प्लान
CJI Gavai retirement plan
CJI Gavai retirement plan: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने स्पष्ट कर दिया है कि वह रिटायरमेंट के बाद किसी भी सरकारी पद की जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। अमरावती में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद वह परामर्श और मध्यस्थता जैसे वैकल्पिक न्यायिक क्षेत्रों में काम करना चाहेंगे। गवई 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे CJI गवई?
अमरावती के अपने पैतृक गांव दारापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में CJI बी.आर. गवई ने दो टूक कहा कि वह 24 नवंबर के बाद कोई भी सरकारी पद नहीं स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, "मैंने कई मौकों पर यह साफ कर दिया है कि मैं रिटायरमेंट के बाद सिर्फ परामर्श (कंसल्टेशन) और मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) जैसे क्षेत्रों में ही सक्रिय रहूंगा।" साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वह सेवानिवृत्ति के बाद अधिकतर समय दारापुर, अमरावती और नागपुर में बिताना चाहेंगे।
न्यायिक स्वतंत्रता पर फिर दिया संदेश
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने शुक्रवार को अपने पैतृक गांव दारापुर पहुंचकर पिता और पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई को पुष्पांजलि अर्पित की। उनके आगमन पर गांववासियों ने जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भाग लिया और अपने पिता के नाम पर बनने वाले भव्य प्रवेश द्वार की आधारशिला भी रखी।
इस दौरान CJI गवई ने न्यायिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि रिटायरमेंट के बाद तुरंत किसी सरकारी पद को स्वीकार करना या चुनाव लड़ना न्यायपालिका की नैतिकता और जनता के विश्वास को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह और उनके कुछ सहयोगी ऐसे किसी पद को स्वीकार नहीं करेंगे ताकि न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता और गरिमा बरकरार रहे।
स्थानीय स्तर पर न्याय व्यवस्था मजबूत करने की पहल
दारापुर में नए कोर्ट भवन के उद्घाटन के दौरान CJI गवई ने न्यायिक प्रणाली के विकेंद्रीकरण की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बताया कि तालुका और जिला स्तर पर कोर्ट स्थापित करने के लिए उन्होंने एक मॉडल तैयार किया है, जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में नौकरशाही अड़चनें अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।
युवा वकीलों को दी सीख
दारापुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान CJI बी.आर. गवई ने युवा वकीलों को सादगी और सेवा की राह अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पद और प्रतिष्ठा को सिर पर हावी नहीं होने देना चाहिए। गवई ने जोर देकर कहा, "वकील और जज समान साझेदार हैं। हमें अपनी शक्ति का उपयोग जनता की सेवा के लिए करना चाहिए, न कि इसे अपने अहंकार का हिस्सा बनाना चाहिए।"
मुख्यमंत्रियों का जताया आभार
CJI गवई ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की सराहना करते हुए कहा कि इन सभी ने न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए पर्याप्त आर्थिक सहयोग दिया है।
इतिहास रचने वाले CJI
CJI बी.आर. गवई 14 मई 2025 को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने थे। वह देश के पहले बौद्ध और दूसरे दलित CJI हैं। गवई का कार्यकाल छह महीने का है, जो 23 नवंबर 2025 को समाप्त होगा।