ऑपरेशन सिंदूर पर बहस: संसद में प्रियंका गांधी बोलीं - देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब युद्ध होते - होते रुक गया
संसद में प्रियंका गांधी बोलीं - देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब युद्ध होते - होते रुक गया
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिन्दूर पर लोकसभा में बहस जारी है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने संसद में उन सभी लोगों के नाम पढ़े जो पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए। प्रियंका गांधी ने कहा कि, 'देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब युद्ध होते - होते रुक गया।'
उन्होंने कहा, "सदन में मेरी मां के आंसुओं की बात की गई, मैं इसका जवाब देना चाहती हूं। मेरी मां के आंसू तब गिरे, जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वे सिर्फ 44 साल की थीं। आज मैं इस सदन में खड़ी होकर उन 26 लोगों की बात इसलिए कर रही हूं, क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं और उसे महसूस करती हूं।"
"कल रक्षा मंत्री ने एक घंटे तक भाषण दिया, इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, देश की रक्षा और इतिहास का पाठ भी पढ़ाया। लेकिन एक बात छूट गई - यह हमला कैसे हुआ?"
"वहाँ (बैसरन घाटी, पहलगाम) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की ज़िम्मेदारी नहीं है? देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब युद्ध होते - होते रुक गया और युद्ध विराम की घोषणा दूसरा देश करता है। यह सबसे बड़ी असफलता है।"
"मैं उन सभी जवानों को नमन करना चाहती हूं, जो हमारे देश के रेगिस्तानों में, घने जंगलों में, बर्फीली पहाड़ियों में हमारे देश की रक्षा करते हैं। जो हर पल देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहते हैं। 1948 से लेकर अब तक- जब पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर पर हमला किया गया- हमारे देश की अखंडता की रक्षा करने में हमारे जवानों का बड़ा योगदान है।"
"कल रक्षामंत्री जी ने 1 घंटे का भाषण दिया, जिसमें उन्होंने बहुत सारी बातें की, लेकिन एक बात छूट गई। 22 अप्रैल 2025 को जब 26 देशवासियों को खुलेआम मारा गया, तो ये हमला कैसे और क्यों हुआ? मैं पूछना चाहती हूं कि देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? क्या इस देश के प्रधानमंत्री की नहीं है? क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है? क्या इस देश के रक्षा मंत्री की नहीं है? क्या इस देश के NSA की नहीं है?"