दिल्ली के प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी : अरविंद केजरीवाल

Update: 2020-05-17 12:49 GMT

दिल्ली। कोरोना संकट के कारण पूरे देश भर में प्रवासी मजूदर दरबदर हो चुके हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं जहां ये मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने पर मजबूर हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिलासे हुए कहा है कि उनको किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं होने देंगे। दिल्ली सरकार ने एक आदेश भी जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रवासी मजदूरों को कोई भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए।

सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी है। अगर वो दिल्ली में रहना चाहते हैं तो उनका पूरा ख़्याल रखेंगे और अगर वो अपने गाँव लौटना चाहते हैं तो उनके लिए ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं। किसी भी हालत में उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ेंगे।'

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी देते हुए बताया है कि दिल्ली सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेन से कल शाम तक 35,000 यात्री भेजे जा चुके हैं। आज भी 8 ट्रेन क़रीब 12000 यात्रियों को लेकर जा रही है। उन्होंने आज कई सेंटर्स पर जाकर मजदूरों का जायजा भी लिया। जिनकी तस्वीरें उन्होंने ट्वीट कीं और लिखा कि आज ऐसे ही कुछ सेंटर्स पर जाकर यात्रियों की मेडिकल जाँच का जायज़ा लिया।

दिल्ली सरकार ने विशेष रेलगाड़ियों से बाहर से यहां पहुंचने वाले यात्रियों की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने अपने एक आदेश में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी आने वाले केवल उन लोगों को ही घर जाने की अनुमति दी जायेगी, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे। आदेश में कहा गया था कि जिन यात्रियों में लक्षण दिखाई देंगे, उनके लिए परीक्षण और पृथक किये जाने के मानक प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा। कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण रेल सेवाओं के लगभग 50 दिन तक बंद रहने के बाद रेलवे ने कुछ चुनिंदा मार्गों पर मंगलवार को अपनी यात्री सेवाओं को बहाल किया है।

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