विशेष साक्षात्‍कार: जम्मू राज्यसभा सांसद गुलाम अली का काँग्रेस पर जबरदस्त तंज…

Update: 2025-06-19 14:56 GMT

अनीता चौधरी, नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयानों ने तो तूफान खड़ा किया ही उनके बयानों पर राजनीति का एक तूफान काँग्रेस भी खड़ी कर रही है ऑपरेशन सिंदूर को फेल करने को लेकर और भारत अमेरिका रिश्तों में भारत सरकार को फेल साबित करने को लेकर ।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की बात-चीत को लेकर काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ऐसा ट्वीट किया कि उनको आनन -फ़ानन में वो ट्वीट डिलीट करना पड़ा और माफ़ी माँगनी पड़ी । मगर माफ़ी भी ऐसी माँगी जिसके बायोलॉजिकल और नॉन बायोलॉजिकल की दलदल में जयराम रमेश ख़ुद ही फँस गए ।

इस पूरे मसले पर जम्मू के बाप के राज्यसभा सांसद ग़ुलाम अली खटाना से हमने बात-चीत की। सांसद गुलाम अली ने बताया कि ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उनकी वजह से ही भारत-पाकिस्तान का तनाव थमा और यहाँ तक कि व्यापार रोकने की धमकी भी दे डाली। लेकिन अब लगता है कि ट्रंप का यह जोश ठंडा पड़ गया है, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन पर दो टूक सुनाकर सारी हकीकत साफ कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न तो कोई ट्रेड डील की बात हुई, न ही मध्यस्थता का कोई सवाल उठा। गुलाम अली ने भारत की वैश्विक ताकत को गर्व के साथ रेखांकित करते हुए कहा कि भारतीय जनता ने तीसरी बार पीएम मोदी और एनडीए पर भरोसा जताया है। मोदी के नेतृत्व में भारत ने न सिर्फ तरक्की की है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक सशक्त आवाज बनकर उभरा है। चाहे ट्रंप हों, रूस हो, या यूरोप, भारत अब सबके साथ बराबरी का रिश्ता रखता है।

ऑपरेशन सिंदूर की बात पर गुलाम अली ने जोर देकर कहा कि यह आतंकवाद और उसके ठिकानों के खिलाफ भारत का सटीक प्रहार था और पाकिस्तान के साथ बात अब सिर्फ पीओजेके यानी पाकिस्तान अधिगृहीत जम्मू-कश्मीर पर होगी।

हमने जब गुलाम अली से पूछा कि विदेशों में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए आप डेलिगेशन का हिस्सा थे, तो वहाँ का रिस्पॉन्स कैसा रहा? गुलाम अली ने जवाब दिया कि पीएम मोदी का यह कदम बेहद जरूरी था। विदेशी धरती पर सत्ताधारी नेताओं और सांसदों से मुलाकात कर भारत का पक्ष रखने का मौका मिला, और सभी ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना। विश्व पटल पर पाकिस्तान को बेनकाब करने कीलिये उन्होंने ऐसे प्रयासों को और तेज करना चाहिए।

बातचीत में कांग्रेस के आरोपों का जब जिक्र आया कि अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अपने यहां दावत में बुलाया था, और कॉंग्रेस इसे भारत की नाकामयाबी बता रही है इसपर गुलाम अली ने तंज कसते हुए कहा, "कि काँग्रेस अपनी दुश्मन ख़ुद है। काँग्रेस पाकिस्तान की हिमायती है या भारत की ये काँग्रेस को तय करना होगा । ग़ुलाम अली ने कहा कि पाकिस्तान एक भिखारी देश है । मुनीर साहब अमेरिका के पास दावत के बहाने कटोरा लेकर भीख मांगने पहुँच गए होंगे । भारत को कहीं कटोरा लेकर जाने की जरूरत नहीं। हम अपने दम पर दुनिया के सामने एक ताकतवर देश के रूप में विश्व की चौथी आर्थिक शक्ति बन कर खड़े हैं ।

इस पीएम मोदी और ट्रंप की 35 मिनट की फोन कॉल पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट का जब जिक्र हुआ , जिसमें उन्होंने विदेश सचिव के बयान को गलत ठहराने की कोशिश की थी। और आखिरकार उन्हें माफी मांगनी पड़ी। इस पर गुलाम अली ने चुटकी लेते हुए कहा, "कांग्रेस को अभी 100 साल और लगेंगे नई सोच अपनाने में। पुराने लोग, पुरानी किताबें पढ़ते हैं, और फिर माफी मांगकर पीछे हट जाते हैं। जनता ने उन्हें नकार दिया, अब हताशा में बेतुके बयान दे रहे हैं।" 

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