भारत-चीन सीमा वार्ता: वांग यी और अजीत डोभाल की मुलाकात, कई मुद्दों पर चर्चा
नई दिल्ली। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के हैदराबाद हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस दौरान भारत-चीन सीमा विवाद सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। वांग यी की यह यात्रा 18-19 अगस्त को दो दिवसीय भारत दौरे के तहत हो रही है, जिसमें वह विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की 24वीं दौर की वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग यी एनएसए डोभाल के निमंत्रण पर भारत आए हैं। इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए विचार-विमर्श किया। इसके अलावा, वांग यी की विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ भी द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें आर्थिक सहयोग, व्यापार, तीर्थयात्रा, नदी डेटा साझाकरण और लोगों के बीच संपर्क जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। सूत्रों ने बताया कि चीन ने भारत की तीन प्रमुख चिंताओं—दुर्लभ मृदा, उर्वरक और सुरंग निर्माण मशीनों की आपूर्ति—के समाधान का आश्वासन दिया है।
सोमवार को चीनी विदेश मंत्री के साथ अपनी बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने जोर देकर कहा कि मतभेदों को विवाद या प्रतिस्पर्धा का रूप नहीं लेने देना चाहिए। उन्होंने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंधों की समीक्षा और वैश्विक मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण अवसर बताया। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 अगस्त से 1 सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन यात्रा से पहले हो रही है।
भारत और चीन के बीच संबंध 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना की कार्रवाइयों के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि, हाल के वर्षों में दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2024 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले दोनों पक्ष एलएसी पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक समझौते पर पहुंचे, जिससे सीमा पर शांति बहाली की दिशा में प्रगति हुई है। भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि सीमा पर स्थिरता और शांति द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की कुंजी है।
वांग यी का दौरा और उच्च स्तरीय वार्ताएं दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।