Waqf Law: वक्फ कानून पर जवाब के लिए केंद्र को मिला 7 दिन का समय, अगली सुनवाई तक बोर्ड या काउंसिल की कोई नियुक्ति नहीं
Waqf Law : नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई | सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल के इस कथन को रिकॉर्ड में लिया कि केंद्र सात दिनों के भीतर जवाब देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। केंद्र को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय मिला है। इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई की तारीख तक, वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना के माध्यम से घोषित वक्फ-बाय-यूजर शामिल हैं, को न तो डीनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर को बदला जाएगा। इस मतलब है कि, यथास्थति बनाए रखने की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, केंद्र को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करना चाहिए।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा - सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है। सरकार को लाखों-लाखों प्रतिनिधित्व मिले, गांवों के बाद गांवों को वक्फ के रूप में लिया गया है। इतनी सारी जमीनों पर वक्फ का दावा किया जाता है। इसे कानून का एक हिस्सा माना जाता है। मेहता ने कहा, अधिनियम पर रोक लगाना एक कठोर कदम होगा। यह ऐसा मामला नहीं है जिस पर इस तरह से विचार किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने कहा था कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकती। वह नहीं चाहता कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हो। जब मामला कोर्ट में लंबित है तो कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव न हो।
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और आश्वासन दिया कि तब तक बोर्ड या काउंसिल की कोई नियुक्ति नहीं होगी।
पहले से पंजीकृत वक्फ डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा :
सुनवाई के दौरान अंतरिम आर्डर आया कि, एसजी ने कहा कि संघ 7 दिनों के भीतर जवाब देना चाहेगा। उन्होंने आगे कहा, वह अदालत को आश्वस्त करते हैं कि धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड को कोई आवेदन नहीं दिया जाएगा। सुनवाई की अगली तारीख तक, वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना के माध्यम से घोषित उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ शामिल है, को न तो डीनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर बदलेगा। हम बयान को रिकॉर्ड पर लेते हैं।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देते हुए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में निम्नलिखित बयान दिया कि, केंद्रीय वक्फ परिषदों और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। वक्फ, जिसमें वक्फ-बाय-यूजर भी शामिल है, चाहे अधिसूचना या पंजीकरण के माध्यम से घोषित किया गया हो, अगली सुनवाई की तारीख तक विमुक्त रहेगा।