Yashwant Verma Cash Scandal: जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड मामले की जांच कर समिति ने की CJI को सौंपी रिपोर्ट

Update: 2025-05-05 09:48 GMT

नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कथित रूप में कैश मिलने की जांच करने वाली तीन सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट CJI को सौंप दी है। एक प्रेस रिलीज जारी कर सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह जानकारी दी गई है।

प्रेस रिलीज में बताया गया है कि, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति, जो वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच करने के लिए गठित की गई थी, ने 4 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच प्रक्रिया शुरू की थी। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर चार बोरी में जले हुए नोट बरामद हुए थे । सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी थी।

यह घटना 14 मार्च, 2025 को होली की छुट्टियों के दौरान सामने आई थी जब उनके सरकारी बंगले में आग लग गई थी। उस समय न्यायमूर्ति वर्मा मौजूद नहीं थे और उनके परिवार के सदस्यों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया था।

अधिकारियों को नकदी का एक बड़ा भंडार मिला :

आग पर काबू पाने के दौरान, अधिकारियों को नकदी का एक बड़ा भंडार मिला, जिसके स्रोत के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से त्वरित कार्रवाई की। 20 मार्च, 2025 को कॉलेजियम ने बैठक की और सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वापस स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। उन्होंने अक्टूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय में शामिल होने से पहले वहां सेवा की थी।

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। इस याचिका में मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के फैसले को भी चुनौती दी गई थी।

 

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