चीन ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था पर किया हमला: चुनिंदा उत्पादों के भारत भेजने पर लगाई अघोषित रोक…
नई दिल्ली। भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत को कमजोर करने के लिए चीन ने ना सिर्फ भारत को निर्यात किए जाने वाले कई महत्वपूर्ण खनिजों और उत्पादों पर अघोषित रोक लगा दी है, बल्कि हाल ही में उसने एप्पल के फोन बनाने वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन से भी चीन के विशेषज्ञों को वापस बुलाया है। भारत सरकार चीन के इस अघोषित आर्थिक युद्ध से निपटने के लिए अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी देशों से इन उत्पादों के आयात पर ज़ोर दे रही है।
दरअसल चीन ने भारत को भेजे जाने वाले मैग्नेट का निर्यात पिछले तीन महीनों से बिलकुल रोक दिया है। इसकी वजह से भारत में इल्क्ट्रिकल गाड़ियों का बनना आधा रह गया है। भारत में ईवी स्कूटर और कार दुनिया में बड़ी कंपनियों को टक्कर देने लगे थे। इस सेक्टर में सबसे बड़ी कंपनियां चीन की हैं। लेकिन भारत की टाटा समेत अन्य कंपनियां भी ईवी कार और स्कूटर बनाने में दुनिया में प्रसिद्ध होने लगी है। ख़ासकर अफ्रीकी देशों को भारत की कंपनियां सस्ते में टू-व्हीलर निर्यात करने लगी थी।
इससे चीन की कंपनियों को इन बाज़ारों में परेशानी आने लगी थी। इसके साथ साथ चीन ने गोल्ड के कुछ उत्पाद भी भारत भेजने बंद कर दिए हैं, इससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक बनाने वाली कंपनियों के उत्पादन में असर आने लगा है। इंडियन सेलुलर इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने इसपर सरकार को एक चिट्ठी लिखकर अपनी परेशानी बताई है। भारत में बने मोबाइल अब अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में छाने लगे हैं।
लेकिन भारत में मोबाइल बनाने वाली कंपनियां ज्यादातर कच्चा माल चीन से ही लेती हैं, खासकर ऐसे उत्पाद जोकि गोल्ड और दूसरे रेयर अर्थ मटेरियल होते हैं। इन कच्चे उत्पादों पर चीन का एकछत्र राज रहा है। इसलिए उसने इन उत्पादों के भारत निर्यात पर लगभग रोक लगा दी है। लिहाजा भारत सरकार अब अन्य देशों से इन उत्पादों को आयात करने पर विचार कर रही है।