India Pakistan War: भारत के विदेश मंत्री और पाकिस्तान के सेना प्रमुख से बात करके अमेरिका ने दिया दुनिया को गहरा संदेश, खुली इस्लामाबाद की पोल

Update: 2025-05-10 07:11 GMT

नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से फोन पर बातचीत की। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर से भी संपर्क किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रुस ने इस बात की पुष्टि की कि रुबियो ने दोनों देशों से तनाव कम करने और गलतफहमियों से बचने के लिए सीधे संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने भविष्य में संघर्षों से बचने के लिए उत्पादक चर्चाओं को बढ़ावा देने में अमेरिकी समर्थन का प्रस्ताव भी दिया। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को बनाए रखना था, जिसमें अमेरिका ने मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा। यह कदम दर्शाता है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर गंभीर है और शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से भूमिका निभा रहा है।

तनाव कम करने के लिए बातचीत

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और आर्मी चीफ जनरल मुनीर से फोन पर बात की। उन्होंने दोनों देशों से मौजूदा तनाव को कम करने के लिए उपाय खोजने को कहा और यह भी सुझाव दिया कि दोनों देशों को फिर से सीधे बात करनी चाहिए ताकि गलतफहमियां न हों। रुबियो ने भविष्य में संघर्षों से बचने के लिए रचनात्मक बातचीत में अमेरिका की मदद देने की पेशकश भी की।

विदेश सचिव मिस्री का तंज

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान की लोकतांत्रिक समझ पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता भारतीय नागरिकों द्वारा अपनी सरकार की आलोचना पर प्रसन्न नजर आते हैं, लेकिन यह आलोचना भारत के खुले और जीवंत लोकतंत्र की पहचान है। मिस्री ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को यह बात अजीब लग सकती है क्योंकि वहां लोकतंत्र जैसी व्यवस्था नहीं है। इसलिए उनका इस मूलभूत लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अनजान होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।

पाकिस्तान PM की नेतृत्व क्षमता पर उठने लगे गंभीर सवाल

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बातचीत ने पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नेतृत्व क्षमता को लेकर भी गंभीर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

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