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कोरोना के खौफ के बीच ताजिये निकाल किया शक्ति प्रदर्शन, 4 लोगों पर एफआईआर

पूर्व महपौर ने सीएम को लिखा पत्र कहा- प्रतिबंध में ताजिये निकालना संयोग नहीं साजिश

Update: 2020-08-31 09:07 GMT

 इंदौर।  शहर के खजराना क्षेत्र में प्रतिबंध और लॉकडाउन के बाद भी कल ताजिये निकाले गए।  प्रतिबंधों के बीच इस क्षेत्र में निकाल गए ताजियों का मामला गर्माता जा रहा है। पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे भय फैलाने की साजिश बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। 

जिले में जारी कोरोना संकट को देखते हुए लागू प्रतिबंधों के बावजूद भी ताजिये निकलने की घटना सामने आई है।  शहर के खजराना  इलाके में बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए लोग पांच ताजिए लेकर मैदान में आ गए, जिसके बाद वहां सोशल डिस्टेंसिंग टूट गई। सूचना मिलने पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने लोगों को समझाकर ताजिए वापस रखवाए। चार दिन से लगातार समुदाय के लोगों को समझाया जा रहा था कि कोविड काल में कोई भी भीड़ इकट्ठी नहीं होने देना है। लोगों ने पुलिस की बात मानी, लेकिन बड़ला में अचानक भीड़ सामने आ गई। यहां लोगों ने पुलिस की सारी व्यवस्थाओं को धत्ता बताते हुए ताजिए निकाल दिए। ताजिए मैदान में भी घुमाए।एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार इसमें 4 एफआईआर हुई। सभी पर भादवी की धारा 188, 269 और 270 के तहत केस दर्ज हुआ है। इसमें कुछ नामजद लोग हैं जिसमें उस्मान पटेल का नाम भी शामिल है। बाकी की पहचान फोटो और वीडियो देखकर होगी। वीडियो के लिहाज से इसमें 100 से ज्यादा लोग होंगे।

पूर्व महापौर ने लिखा पत्र 

इस घटना को लेकर पूर्व महापौर और विधायक मालिनी गौड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। गौड़ ने लिखा है कि रविवार की घटना को संयोग नहीं, बल्कि भय फैलाने की साजिश थी। इंदौर में इस प्रकार की घटना होने पूरे शहर के लिए खतरनाक है। इससे यह बात पता चलती है कि यहां का इंटेलीजेंस पूरी तरह से फेल है। इस प्रकार की घटना के लिए पुलिस-प्रशासन के साथ ही अन्य जिम्मेदार लोग भी दोषी हैं। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होने के साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। 




 


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