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विंटर प्रिकॉशन योजना से हर दो किलोमीटर पर गैंगमैन व ट्रैकमैन कर रहे चौकसी

Update: 2019-12-10 23:45 GMT

 ग्वालियर, न.सं.। ठंड में रेल की पटरियां सिकुडऩे से ट्रैक में होने वाले फ्रैक्चर को ढूंढऩे के लिए रात दो से सुबह छह बजे तक नाइट पैट्रोलिंग की जा रही है। रेलवे ने इसे विंटर प्रिकॉशन नाम दिया है। ठंड में सुरक्षित रेल परिचालन को लेकर रेलवे बोर्ड ने सभी जोन में विशेष पैट्रोलिंग के लिए निर्देश भेजा है। ठंड में रेल की पटरियां सिकुडऩे से ट्रैक फ्रैक्चर की आशंका रहती है। सबसे कम तापमान सुबह चार से पांच बजे के बीच रहता है, इसलिए रात दो से सुबह छह बजे तक गैंगमैन और ट्रैकमेन पेट्रेलिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, टै्रक फ्रैक्चर के साथ सिग्नलिंग सिस्टम समेत सुरक्षा से जुड़ी तमाम चीजों की बारीकी से जांच की जा रही है। डबल लाइन पर एक किलोमीटर और सिंगल लाइन वाले सेक्शन पर हर दो किलोमीटर पर गैंगमैन और ट्रैकमैन चौकसी कर रहे हैं। पैट्रोलिंग पर नजर रखने के लिए संबंधित स्टेशन मास्टर या स्टेशन प्रबंधक को अधिकृत किया गया है। इस बार व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है, ताकि पटरियों में फ्रैक्चर से कोई हादसा न हो।

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