सरकारी आवास किराए पर देकर कमाई कर रहे रेलवे कर्मचारी
आईओडब्ल्यू देगा नोटिस, आरपीएफ ने किराएदार पर दर्ज किया मामला
ग्वालियर। ग्वालियर में रेलवे के कई अधिकारी व कर्मचारी सरकारी आवास को किराए पर देकर कमाई कर रहे हैं, जबकि वे खुद अपने निजी मकान में रहते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। एक ऐसा परिवार, जिसका रेलवे से कोई नाता नहीं है। फिर भी वह छह महीने से रेलवे के सरकारी आवास में रहा है। इतना ही नहीं, यह सरकारी आवास किसी को आवंटित भी नहीं है। इसके बाद भी रेलवे के एक खल्लासी ने बड़ी चतुराई से इस सरकारी आवास को किराए पर उठा दिया और छह महीने से किराया वसूल रहा है। इस मामले में आईओडब्ल्यू ने आरपीएफ के साथ मिलकर कार्रवाई की है।
गुरुवार को आरपीएफ निरीक्षक आनंद स्वरूप पाण्डे को सूचना मिली कि रेलवे कॉलोनी के एक क्वार्टर में एक परिवार बिना अनुमति के काफी समय से रहा रहा है। इसके बाद श्री पाण्डे के नेतृत्व में उपनिरीक्षक अमित मीणा एवं सहायक उपनिरीक्षक अशोक भदौरिया रेलवे कॉलोनी स्थित 97/ए में पहुंचे, जहां मौजूद रवि यादव से आरपीएफ व आईओडब्ल्यू के दीपक दीक्षित ने पूछताछ की तो उसने बताया कि रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत द्वारिका प्रसाद ने उसे यह आवास किराए पर दिया था। इसके बदले में वह प्रतिमाह छह हजार रुपए दे रहा है। इसके बाद रवि को आरपीएफ थाने लाया गया, जहां धारा 147 के तहत मामला दर्ज कर उसे जमानत पर छोड़ दिया गया।
अभी तक नहीं दिया नोटिस का जवाब
आईओडब्ल्यू में कार्यरत दीपक दीक्षित ने बताया कि द्वारिका प्रसाद पहले भी रेलवे के क्वार्टरों को किराए पर उठा चुका है। इसको लेकर उसको नोटिस भी जारी किया था, लेकिन अभी तक उसने कोई जवाब नहीं दिया है। श्री दीक्षित ने बताया कि द्वारिका प्रसाद इंजीनियरिंग विभाग में खल्लासी के पद पर कार्यरत है। इस मामले में नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा जाएगा।
आरपीएफ ने कहा, कार्रवाई नहीं हुई तो दर्ज करेंगे मामला
आरपीएफ उपनिरीक्षक अमित मीणा ने बताया कि अगर आईओडब्ल्यू के अधिकारी द्वारिका प्रसाद पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो आरपीएफ द्वाारिका प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करेगी।
इनका कहना है
रेलवे कालोनियों में बाहरी व्यक्तियों के रहने की सूचना मिली है। कई लोग सरकारी आवासों में रह रहे हैं। इसको लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को बताया गया है। एक-एक आवास की चैकिंग कराई जाएगी। बाहरी व्यक्तियों को सरकारी आवासों से बाहर निकाला जाएगा। रेलवे कर्मचारी ही सरकारी आवासों में रहेंगे।
आनंद स्वरूप पाण्डे, आरपीएफ निरीक्षक