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धरी रह गई श्रेय की राजनीति, जिलाधीश ने पुल पर शुरू कराया यातायात

Update: 2019-03-14 18:52 GMT

रेलवे की अनापत्ति के बाद मिली हरी झंडी, दोपहर में जिलाधीश का काफिला पहुंचा था पुल पर

ग्वालियर, न.सं.

शहर के पड़ाव स्थित शास्त्री ब्रिज पर वाहनों के बढ़ते दबाव और पुल पर आए दिन लगने वाले जाम से अब शहरवासियों को निजात मिल गई है। गुरुवार को महाराजा मानसिंह चौराहे से सिंधिया कन्या विद्यालय तक बनाए गए नए रेलवे ओवर ब्रिज का एक ओर का मार्ग जिला प्रशासन ने आमजनों के लिए शुरू करा दिया। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अथक प्रयासों से चार वर्ष बाद इस नवनिर्मित पुल पर एक तरफ से यातायात शुरू होते ही वाहन दौडऩे लगे हैं। पुल शुरू होते ही शहरवासी इस पर वाहन दौड़ाने के लिए आतुर दिखे। लोग जहां पुल पर फर्राटा मारकर निकले तो कुछ लोगों ने वाहन रोककर पुल पर सैल्फी भी खींची। इस नए पुल के शुरू होने से यातायात व्यवस्था पर नजर रखने के लिए पुलिस व प्रशासन के अधिकारी देर शाम तक नजर बनाए दिखाई दिए।

गुरुवार को दोपहर जिलाधीश अनुराग चौधरी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन एवं विभागीय अधिकारियों का काफिला दोपहर दो बजकर चार मिनट पर नए आरओबी पुल पर पहुंचा, जहां सभी अधिकारियों ने रेलवे ओवर ब्रिज का निरीक्षण कर रेलवे और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। इससे पहले ही रेलवे के उप निर्माण इंजीनियर ने पुल की एनओसी दे दी थी। इसके बाद जिलाधीश श्री चौधरी व पुलिस अधीक्षक श्री भसीन पैदल सिंधिया कन्या विद्यालय की ओर पहुंचे। पत्रकारों से चर्चा के दौरान श्री चौधरी ने बताया कि रेलवे ओवर ब्रिज के प्रारंभ हो जाने से स्टेशन आने-जाने वाले यातायात को सुगमता मिलेगी और यातायात की समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि पड़ाव से स्टेशन की ओर जाने वाला यातायात पुराने ओवर ब्रिज के माध्यम से जाएगा। जिलाधीश श्री चौधरी ने यह भी बताया कि नए ओवर ब्रिज से अभी एक मार्ग ही यातायात के लिए प्रारंभ किया जा रहा है। दूसरे मार्ग का कार्य किया जा रहा है, जो आगामी दिनों में आमजनों के लिए खोला जाएगा।

रेलवे की वजह से हुई देरी

रेलवे ओवर ब्रिज का काम मार्च 2017 में पूरा होना था, जिसमें लोक निर्माण विभाग ने अपने हिस्सें को तय समय-सीमा में पूरा कर लिया था, लेकिन रेलवे की लेट-लतीफी की वजह से शेष काम दो वर्ष बाद शुरू हुआ।

मानसिंह चौराहे पर बनेगी रोटरी

नए रेलवे ओवर ब्रिज पर यातायात शुरू होने के साथ ही पुलिस ने भी वाहनों को आसानी से निकालने के लिए माथापच्ची प्रारंभ कर दी है। अभी अस्थाई रोटरी बनाकर वाहनों को पुल के पास से गुजारा जा रहा है। शुक्रवार से यातायात पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे, जो वाहन चालकों को निर्देशित करेंगे।

एक नजर पुल के बारे में

 महाराजा मानसिंह चौराहे से सिंधिया कन्या विद्यालय तक आरओबी की लम्बाई- 485 मीटर

आरओबी की चौड़ाई-18 मीटर

फुटपाथ- डेढ़-डेढ़ फीट

लागत- 49.45 करोड़ रुपए

फरवरी 2015 में निर्माण के लिए कार्यादेश जारी हुआ

आरओबी का काम पूरा होना था- मार्च 2017 में

पुल पर यातायात शुरू होते ही लगा जाम


नए पुल से वाहनों का आवागमन शुरू होते ही वाहन पुल और एलआईसी तिराहे पर जाकर जाम में फंस गए। जाम की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और यातायात को सुचारू कराया।

महल की सूचना पर आरओबी पर पहुंचे कांग्रेसी


पिछले दिनों आचार संहिता से पहले कांग्रेस ने इस आरओबी के लोकार्पण की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। गुरुवार शाम को पांच बजे जैसे ही आरओबी से एक तरफ का यातायात शुरू हुआ तो शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, महाराज सिंह पटेल, लतीफ खां, धमेन्द्र शर्मा, प्रमोद पाण्डेय सहित अन्य कांग्रस नेता अपने वाहनों को पुल के ऊपर से लेकर निकले। बताया जा रहा है कि सभी कांग्रेसी महल की सूचना पर आरओबी पर पहुंचे थे।

महापौर सहित एमआईसी सदस्य भी पहुंचे कार से


गुरुवार शाम को पांच बजे महापौर विवेक शेजवलकर भी अपनी कार को खुद चलाते हुए नए रेलवे ओवर ब्रिज से गुजरे। इस दौरान उन्होंने शहरवासियों को नए रेलवे ओवर ब्रिज के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे आमजनों को अब बेहद राहत महसूस होगी, साथ ही महापौर श्री शेजवलकर के साथ एमआईसी सदस्य भी मौजूद थे। 

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