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जेल में चुनौतियां अब पहले से काफी ज्यादा: चौधरी

Update: 2019-02-19 19:44 GMT

सीसुब अकादमी में जेल प्रहरियों की दीक्षांत परेड आयोजित

ग्वालियर, न.सं.

मध्यप्रदेश शासन द्वारा जेल विभाग के जेल प्रहरियों को सीमा सुरक्षा बल से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। ऐसे ही प्रशिक्षित 124 जेल प्रहरियों का दीक्षांत समारोह मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जेल संजय चौधरी शामिल हुए।

मुख्य अतिथि श्री चौधरी ने दीक्षांत परेड की सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त जेल प्रहरी हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा करीब 800 जेल प्रहरियों और अपने अधिकारियों को सीमा सुरक्षा बल अकादमी में प्रशिक्षण दिलाया है। इससे उनके जेल प्रहरी प्रशिक्षित सिपाही बन गए हैं। श्री चौधरी ने बताया कि जेल में चुनौतियां अब पहले से काफी ज्यादा हैं क्योंकि अब जेलों में आतंकवादियों से लेकर हर प्रकार के अपराधी बंद हैं। अब ये प्रहरी सीमा सुरक्षा बल अकादमी से प्रशिक्षित हैं, जो हर चुनौतियों से निपट सकते हैं। उन्होंने बताया कि म.प्र. के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालयों में प्रशिक्षण देने की क्षमता पूरी हो चुकी है। इस कारण सीमा सुरक्षा बल की मदद ली गई। सीमा सुरक्षा बल ने उनके जेल प्रहरियों और अधिकारियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया है। इस मौके पर अकादमी के निदेशक एडीजी यू.सी. षडंगी एवं एसटीसी के महानिरीक्षक पी.के. जोशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

उत्कृष्ट प्रहरियों को पुरस्कृत किया

जेल महानिदेशक संजय चौधरी द्वारा प्रशिक्षण में उत्कृष्ट आए प्रहरियों को पदक व ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत किया गया, जिसमें ऑल राउंड में प्रथम स्थान पर रहे शैलेष मिश्रा, द्वितीय नितिन कुमार साहनी, शारीरिक सौष्ठव में प्रथम अनूप सिंह यादव, फायरिंग में सर्वोत्तम श्याम सुंदर खमरिया तथा ड्रिल में सर्वोत्तम रहे शनू धुर्वे शामिल हैं।

22 सप्ताह में किया प्रशिक्षित

सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर में मंगलवार को प्रदेश के जिन 124 जेल प्रहरियों का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया, उन्होंने सीमा सुरक्षा बल अकादमी में 22 सप्ताह का प्रशिक्षण प्रदान कर जेल प्रहरी के रूप में कमीशन प्राप्त किया। इन सभी जेल प्रहरियों को कानून के अलावा कम्प्यूटर एवं हर प्रकार के हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के दौरान इन जेल प्रहरियों को एलएमजी से लेकर एके-47 भी चलाना सिखाया गया है।

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