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कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई और लिंक बंद करने की मांग को लेकर भाराछासं ने किया हंगामा

Update: 2019-02-18 19:19 GMT

ग्वालियर, न.सं.

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा सोमवार को कश्मीरी छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज कराने और प्राइवेट फार्म भरने के लिए खोली गई लिंक बंद करने की मांग को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय में करीब छह घण्टे तक धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रभारी कुलसचिव ने संगठन को आश्वासन दिया, तब विरोध-प्रदर्शन बंद हुआ।

भाराछासं के प्रदेश महासचिव सचिन द्विवेदी एवं शिवमोहन सिंह तोमर के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र जीवाजी विवि में सुबह 11 बजे पहुंचे और कुलपति चैनल के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करने लगे। दोपहर 12 बजे प्रभारी कुलसचिव डॉ. राजीव मिश्रा एवं प्रभारी परीक्षा नियंत्रक ए.के. श्रीवास्तव छात्र नेताओं से बात करने पहुंचे। सचिन ने प्रभारी कुलसचिव एवं प्रभारी परीक्षा नियंत्रक को बताया कि नियमों को ताक पर रख कर सीट संख्या से अधिक प्रवेश देने के बाद भी प्राइवेट फार्म भरने के लिए लिंक खुली हुई है। इस पर प्रभारी कुलसचिव डॉ. मिश्रा ने बताया कि शासन के आदेश पर लिंक खोली गई है। इस पर सचिन बोले कि कार्यपरिषद सदस्य आपत्ति जता रहे हैं और अधिनियम व परिनियम में भी ऐसा कहीं नहीं लिखा है। या तो आप भ्रष्ट हैं या कार्यपरिषद सदस्य, जिन्होंने ये चिट्ठी लिखी है। शासन के आदेश के आगे क्या अधिनियम व परिनियम कुछ नहीं हैं। इस पर प्रभारी कुलसचिव एवं प्रभारी परीक्षा नियंत्रक कुछ नहीं बोले। सचिन ने अधिकारियों के सामने अधिनियम व परिनियम की प्रतियां जला डालीं, साथ ही प्रभारी कुलसचिव से पूछा कि ऐसे छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई, जो एक साथ विवि से पीएचडी और कश्मीर में नौकरी कर रहे हैं। इस पर डॉ. मिश्रा ने बताया कि उनकी पीएचडी परीक्षा निरस्त कर दी गई है। हंगामा शाम पांच बजे तक चलता रहा। इसके बाद डॉ. मिश्रा को लिखित में देना पड़ा कि प्राइवेट फार्म भरने के लिए लिंक नहीं खोली जाएगी। शासन से मार्गदर्शन आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। 

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