सरकारी आवास में रहने को लेकर कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती ने की शिकायत
ग्वालियर, न.सं.
जीवाजी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा अब 19 फरवरी तक ही जीवाजी विवि के आवास में रह सकते हैं। इसके बाद उन्हें विवि का आवास छोडऩा होगा। पत्र के माध्यम से कुलसचिव ने डॉ. आनंद मिश्रा से आवास खाली करने के लिए कहा है। यहां बता दें कि डॉ. मिश्रा के विवि आवास में रहने को लेकर कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद कुलसचिव ने उन्हें आवास खाली करने को लेकर पत्र भेजा है।
जीवाजी विवि में करीब दस साल तक कुलसचिव के पद पर अलग-अलग समय में कार्यरत रहे डॉ. आनंद मिश्रा को विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन में शासन ने इन्दौर भेज दिया था। इसके बाद उनको अशोकनगर भेजा और फिर दमोह स्थानांतरण कर दिया।
डॉ. मिश्रा फिलहाल अवकाश पर हैं और जीवाजी विवि परिसर स्थित आवास में ही परिवार के साथ रह रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती ने आपत्ति दर्ज कराई है। इस पर जीवाजी विवि के कुलसचिव डॉ. मंसूरी ने उन्हें 19 फरवरी तक आवास खाली करने को लेकर पत्र लिखा है, जबकि डॉ. आनंद मिश्रा ने करीब एक माह पहले ही विवि के कुलसचिव डॉ. आई.के. मंसूरी को पत्र लिखा था, जिसमें छह माह और आवास की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती की आपत्ति के बाद डॉ. मिश्रा को आवास में रहने की और अधिक अनुमति नहीं दी गई। यहां बता दें कि डॉ. मिश्रा के कुलसचिव बनते ही विवि ने उन्हें आवास आवंटित कर दिया था, जिसमें डॉ. मिश्रा ने दस साल गुजारे। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही उच्च शिक्षा विभाग ने सभी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दीं। शासन ने डॉ. मिश्रा को तेन्दुखेड़ा में पदस्थ किया है। जब डॉ. मिश्रा ने जीवाजी विवि का आवास खाली नहीं किया तो दतिया के कांगे्रस नेता राजेन्द्र भारती ने कुलसचिव डॉ. मंसूरी को पत्र लिखा है, जिसमें आवास खाली कराने की मांग की है।