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9 बीघा में भी नहीं निकाल पाएं प्रीतम का नाम, उड़ा दी सरसों की फसल, देखें वीडियो

प्रशासन ने जलालपुर स्वेजफार्म से मुक्त कराई 59 बीघा भूमि, कीमत बताई 120 करोड़

Update: 2019-12-23 23:00 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क । जिला प्रशासन की समूची टीम कई दिनों से भाजपा नेता प्रीतम ङ्क्षसह लोधी के पीछे पडक़र जलालपुर गांव में इस खोज पड़ताल में लगी हुई थी कि जरूर उन्होंने शासकीय जमीन पर कब्जा किया होगा, लेकिन इस पड़ताल में उस समय पानी फिर गया, जब ऐसी कोई जमीन उनके नाम नहीं निकली। आनन-फानन में टीम ने सोमवार को दोपहर 3 बजे से जलालपुर स्वेजफार्म में शासकीय जमीन पर उगी फसल को उजाडऩा शुरू किया, इस दौरान कार्रवाई में 14 लोगों द्वारा 59 बीघा शासकीय भूमि पर कब्जा कर सरसो, गेहूं एवं आलू की खेती की जा रही थी। किन्तु इन 14 लोगों की सूची में प्रीतम लोधी का नाम कही नहीं है। वहीं अधिकारियों का यह तर्क है कि उक्त भूमि पर प्रीतम लोधी के संरक्षण में कब्जा कर खेती की जा रही थी। जबकि भाजपा नेता श्री लोधी का कहना है कि प्रशासन ने पूरी टीम मेरे पीछे लगा कर पूरे गांव की पड़ताल करा ली, किन्तु ऐसी कोई जमीन नहीं मिली, जिस पर मेरा अवैध कब्जा हो। जिलाधीश के निर्देश पर एंटी माफिया सेल के सदस्य एसडीएम प्रदीप तोमर पुलिस बल व नगर निगम के अमले के साथ दोपहर करीब 3 बजे जलालपुर में कार्रवाई को अंजाम देने पहुंचे। पुलिस बल देख मौके पर मौजूद लोगों में हडक़ंप मच गया। दोपहर से रात तक चले इस एंटी माफिया अभियान में टीम ने 59 बीघा में 14 लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को 8 जेसीबी व 4 ट्रैक्टर के माध्यम से हटाया गया। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों ने शुरू में विरोध करने का प्रयास किया, लेकिन वह कर नहीं सकें। अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि की बाजारु कीमत अधिकारियों द्वारा 1 अरब 20 करोड़ रुपए बताई गई है।

लहरा रहीं थी सरसों, गेहूं की फसल

भू माफियाओं ने न सिर्फ अतिक्रमण कर रखा था, साथ ही यहां पर सरसों, गेंहू व आलू की फसल भी बिना किसी के डर के कर रखी थी। इस 59 बीघा में 34 बीघा पर सरसों की फसल, 11 बीघा पर गेंहू एवं बाकी 14 बीघा पर आलू की फसल लहरा रही थी, जिसे नष्ट कराया गया।

इन्होंने किया था अतिक्रमण

परमाल सिंह पुत्र भीकम सिंह 10 बीघा, रामवरन सिंह पुत्र परमाल सिंह 5 बीघा, प्रीतम सिंह पुत्र रामचंद्र तीन बीघा, राजू पुत्र चंदन सिंह दो बीघा, ऐरा पुत्र फतेहसिंह दो बीघा, पंकज पुत्र जसवंत 2 बीघा, मोहनलाल पुत्र चंदन लाल 2 बीघा, सोनेराम पुत्र रामपुत्र 8 बीघा, निहाल सिंह पुत्र फेरन सिंह तीन बीघा, अमरीक सिंह पुत्र बाबू सिंह 8 बीघा, पंकज लोधी 2 बीघा, सरमन लोधी 2 बीघा, विजय लोधी दो बीघा, भूप सिंह पुत्र फेरन सिंह 2 बीघा पर कब्जा कर रखा था।

यह है गाइड लाइन

पिछले कुछ दिनों से एंटी माफिया सेल द्वारा भू माफियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के दौरान शासकीय भूमि मुक्त कराई जा रही है। उसकी कीमत बेहद बढ़ा कर आंकी जा रही है। स्वेजफॉर्म की बात की जाए तो यहां के मुख्य मार्ग की जिलाधीश दर 52 लाख रूपए प्रति बीघा एवं अंदर के मार्ग की 26 लाख रूपए बीघा है। यदि बाजार दर लगाई जाए तो वह कही से भी 75-100 लाख रूपए से अधिक नहीं होगी। किन्तु एसडीएम ने अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि की कीमत दो करोड़ रूपए बीघा आंकी है।

नौकरी चली जाएगी, प्रीतम के नाम जमीन निकालो

यहां बेहद गंभीर बात यह है कि प्रशासनिक अमला चाहता था कि पिछोर से विधानसभा चुनाव लडऩे वाले प्रीतम लोधी को किसी भी तरह भू माफिया बताते हुए कार्रवाई की जाए। प्रीतम की माने तो प्रशासनिक अधिकारियों ने राजस्व टीम से कहा था कि जलालपुर और आस-पास के गांव में जाओ प्रीतम बहुत पैसे वाला है, दबंगयाई से काफी जमीन दबाए बैठा है। किन्तु कई बार मे भी इस टीम को जब कुछ नहीं मिला तो उन्हें धमकाया गया कि यदि उसके नाम जमीन नहीं निकली तो नौकरी से चले जाओगे, किसी भी जमीन पर उसका नाम चढ़ाओ फिर कार्रवाई करो। श्री लोधी ने बताया कि वह अभी पिछोर में हैं, शीघ्र ग्वालियर आकर अपनी बात से सबको अवगत कराएंगे।

इनका कहना है

जलालपुर स्वेजफार्म में कार्रवाई के दौरान 59 बीघा जमीन बाजारू मूल्य 120 करोड़ रूपए मुक्त कराई गई है। किंतु इसमें प्रीतम लोधी का नाम नहीं है। ग्रामवासियों ने यह बताया है कि यह कब्जा उनके संरक्षण में था।

प्रदीप तोमर, एसडीएम, ग्वालियर


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