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विवि, कॉलेज की गलती से छात्रा का कॅरियर तबाह

छात्रा ने हर सेमेस्टर की दी परीक्षा, अब विवि साल पूरा होने का हवाला देकर परिणाम कर रहा निरस्त

Update: 2018-07-19 05:18 GMT

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की गलती एवं लेतलाली की वजह से छात्र का कॅरियर तबाह होने की कगार पर पहुंच गया है। जबकि छात्रा ने नियमित समय पर परीक्षा दी और बाकायदा विवि ने उनका परिणाम भी घोषित किया। अब विवि ने छात्रा का परिणाम निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। इससे छात्रा की डिग्री पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

जैन महाविद्यालय भिंड की छात्रा आरती भदौरिया ने दिसंबर 2011 में एमकॉम प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी और पास हो गई। उसके बाद जून 2012 में विवि की परीक्षा में शामिल हुई पर तृतीय सेमेस्टर में किसी कारणवश वह शामिल नहीं हो सकी। दिसंबर 2015 में छात्रा प्राईवेट के रूप में तृतीय सेमेस्टर में बैठी और उसकी एटीकेटी आ गई। दिसंबर 2016 में हुई एटीकेटी की परीक्षा में वह पास हो गई और जून 2016 में उसकी फाइनल भी हो गई पर विवि ने फाइनल की अंकसूची जारी नहीं की। छात्रा एक साल तक परिणाम घोषित कराने के लिए महाविद्यालय एवं विवि के चक्कर काटती रही पर परिणाम नहीं घोषित हुआ। कुछ दिन पहले आरती ने परिणाम घोषित करने के लिए टोकन लगाया। जब यह प्रकरण सीट के बाबू के पास पहुंचा तो उसे टीप लिख दी कि पास करने की अधिकतम तीन वर्ष की अवधि समाप्त हो चुकी है इसलिए छात्रा का फार्म निरस्त कर परिणाम घोषित न किया जाए। परेशान छात्र सहायक कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंची, लेकिन दोनों ने अवधि का हवाला देते हुए परिणाम घोषित करने से मना कर दिया। विवि एवं महाविद्यालय की लापरवाही की वजह से छात्रा का भविष्य खतरे में पड़ गया है। जबकि इसमें कहीं न कहीं गलती विवि एवं महाविद्यालय की थी, जिसने परिणाम घोषित करने में लापरवाही बरती।

इनका कहना है

विवि द्वारा जो परीक्षाएं कराई गई उनमें मैं शामिल हुई। एक साल पर परिणाम घोषित कराने के लिए विवि एवं महाविद्यालय के चक्कर काटती रही पर परिणाम नहीं निकला। अब विवि प्रशासन डिग्री पूरी करने की अवधि निकलने का हवाला देकर मेरा फार्म निरस्त कर रहा है। विवि को मेरे भविष्य की बिलकुल भी चिंता नहीं है।

-आरती भदौरिया

जैन महाविद्यालय, भिंड

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