SwadeshSwadesh

ग्वालियर कांग्रेस नेता ने अपनी सरकार और पुलिस को घेरा

लाखों रुपए लेकर थानों में कायम कराए जा रहे प्रकरण

Update: 2019-12-05 00:00 GMT

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। शहर के विभिन्न थानों में सिविल मामलों को अपराधिक बताकर प्रकरण दर्ज करने के लाखों रुपए ऐंठे जा रहे हैं। ऐसे थाने मोटी कमाई का गढ़ बन गए हैं और जनता की आवाज उठाने वाले कांग्रेस के जनप्रतिनिधि विलुप्त नजर आ रहे हैं। इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर बड़बोले माने जाने वाले कांग्रेस नेता मोहन माहेश्वरी ने वायरल की है।उनका दर्द पिछले दिनों कोतवाली थाने में रामचंद्र हुंडवानी द्वारा मुकेश वासवानी के खिलाफ एक करोड एक लाख रुपए में दुकान सौदे में की गई चार सौबीसी के मामले को लेकर है।जबकि दूसरे पक्ष का आरोप है कि श्री माहेश्वरी का स्वार्थ है, इसलिए वे इस मामले में दखल दे रहे हैं। 

श्री माहेश्वरी का कहना है कि लेनदन के प्रकरणों में सिविल वाद दायर होना चाहिए,किंतु पुलिस व्यापारियों से मोटी रकम लेकर ऐसे मामलों को आपराधिक बताकर धारा 420, 406, 294, 506, 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर रही है।जिससे आम जनता कांग्रेस शासन को कोस रही है। चारों ओर खुली लूट मची हुई है, जनप्रतिनिधि आवाज उठाने के बजाय विलुप्त हो गए हैं। क्योंकि भाजपा की सरकार के रहते उनके अनुषांगिक संगठन जनता की आवाज उठाने आंदोलन करते थे, लेकिन इस तरह के संगठन कांग्रेस के पास है ही नहीं।उन्होंने सवाल उठाया कि रामचंद्र के आवेदन पर मुकेश एवं भावना वासवानी के खिलाफ कोतवाली थाने में डेढ़ साल पहले हुए सौदे और उसी समय की मारपीट का मुकदमा अब जाकर क्यों दर्ज हुआ। वैसे भी एक करोड़ एक लाख रुपए नगद देना अपने आप में अपराध है। इसके लिए किसी तरह का अनुबंध न बताते हुए मूल रजिस्ट्री देना संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा 9 अगस्त 2018 एवं 25 सितंबर 2018 को मारपीट, गालियां के साथ हुंडियों के हिसाब की बात पर प्राथमिकी में दर्ज की गई है, जो बेहद आपत्तिजनक है।

माहेश्वरी अब न तो व्यापारी और न ही कांग्रेसी

उधर इस समूचे मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले रामचंद्र हुंडवानी के बेटे उमेश हुंडवानी ने मोहन माहेश्वरी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस समय श्री माहेश्वरी न तो व्यापारी हैं और न ही कांग्रेसी। वे मूलतः प्रॉपर्टी कारोबारी और दलाल हैं। वह मुकेश का पक्ष लेकर इसलिए बेहूदा आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि हमने उनके कहने पर जिस दुकान का सौदा हुआ है उसके बदले बोगस प्रॉपर्टी लेना स्वीकार नहीं किया। वह हमसे दवाब रहे थे कि आप सिकंदर कंपू में फ्लैट अथवा दर्जीओली में मातेश्वरी कॉंप्लेक्स में दुकान ले लीजिए,जबकि मातेश्वरी कॉंप्लेक्स की दुकानों पर कई बार बुलडोजर चल चुका है। हम पिछले डेढ़ साल से एक करोड़ से भी अधिक रकम देकर श्राद्ध मना रहे, इस बात की उन्हें कतई चिंता नहीं,यह दुख का विषय है। इस मामले में उनका स्वार्थ साफ नजर आ रहा है, क्योंकि उन्हें दलाली नहीं मिल पाई।

Tags:    

Similar News