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अब कैंसर पीडि़त को शहर में ही मिलेगा बेहतर उपचार

दिल्ली-मुम्बई की तर्ज पर जयारोग्य में बनेगी टर्सरी कैंसर केयर यूनिट

Update: 2018-07-18 04:53 GMT

ग्वालियर। ग्वालियर व चम्बल अंचल के कैंसर पीडि़त मरीजों को इलाज के लिए अब दिल्ली व मुम्बई जैसे बड़े शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा। कैंसर पीडि़तों को ग्वालियर शहर में ही बेहतर उपचार मिलेगा। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से जयारोग्य अस्पताल में दिल्ली-मुम्बई की तर्ज पर 42 करोड़ का प्रोजेक्ट टर्सरी कैंसर केयर यूनिट जल्द आकार लेगा। कैबिनेट में गत दिवस सोमवार को मंजूरी मिल के बाद लोक निर्माण विभाग ने नवीन भवन के लिए टेण्डर भी जारी कर दिए है। यह भवन आंकोलॉजी के पीछे दो मंजिला बनाया जाएगा। दरअसल इस प्रोजेक्ट में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देनी है। केंद्र सरकार ने 4 माह पहले 19 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी थी। राज्य सरकार की ओर से अभी तक राशि जारी नहीं की गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने भी सोमवार को टर्सरी कैंसर यूनिट के लिए अपनी राशि जारी कर दी। राशि मंजूर होने के साथ ही इस सेंटर को बनाने के लिए टेंडर भी हो गए हैं। सेंटर के भवन के निर्माण में 2.17 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस भवन का निर्माण जयारोग्य अस्पताल परिसर में स्थित ट्रॉमा सेन्टर के पीछे किया जाएगा। आंकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अक्षय निगम ने बताया कि इस यूनिट के शुरू होने से कैंसर के रोगी अत्यधिक लाभान्वित होंगे। एक साल में यह टर्सरी कैंसर सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा।

यह होंगे अत्याधुनिक उपकरण

४टर्सरी कैंसर केयर यूनिट में लाइनर एक्सेलेटर मशीन लगाई जाएगी, जिसमें कैंसर के मरीजों की बेहतर शिकाई होगी।

४हाई कैपेसिटी सीटी सिम्यूलेटर मशीन से मरीजों के आंतरिक अंगों का परीक्षा किया जा सकेगा। इसके साथ ही इस मशीन से यह भी देखा जा सकेगा कि मरीज के किस हिस्से में सिकाई होना है।

४ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम इस उपकरण से कैंसर रोगी को सिकाई के दौरान दिए जाने वाले डोज को कैलकुलेट किया जाएगा।

४ पैट सीटी स्कैन मशीन से कैंसर मरीज की एमआरआई जैसी जांच की जाएगी, लेकिन यह जांच एमआरआई से भी ज्यादा आधुनिक होगी और इसमें मरीज की बीमारी बहुत आसानी से दिखेगी।

इनका कहना है

विभागाध्यक्ष डॉ. अक्षय निगम ने बताया कि यूनिट में अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। लीनियर एक्सीलिरेटर हाई एनर्जी आईजीआरटी ट्रीटमेंट मशीन है। लीनियर एक्सीलिरेटर से कैंसर रोगी के ट्यूमर का इलैक्ट्रोन द्वारा इलाज किया जाता है। इसके साइड इफैक्ट कम होते हैं, जबकि कोबाल्ट थैरेपी में गामा किरणें से इलाज किया जाता है। जिसके साइड इफेक्ट अधिक होते हैं। इसी तरह पैट सीटी स्कैन से ट्रीटमेंट प्लानिंग के साथ कैंसर की जांच के लिए किया जाता है। सीटी सिमलेटर मशीन के माध्यम से यह पता चल सकेगा कि रोगी का इलाज सही दिशा है या उसमें बदलाव करना है।  

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