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दिग्गी समर्थकों को मिली संजीवनी, अशोक सिंह का भी बढ़ा कद

Update: 2018-12-20 09:36 GMT

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कमलनाथ के बनने के बाद ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस के समीकरण कुछ अलग तरह के हो गए हैं। अब नए हालातों में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समर्थकों को संजीवनी मिल गई है। वे अब तक सिंधिया खेमे के विरोध के कारण कटे रहते थे। इसमें अब प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह का कद भी बेहद बढ़ गया है।

जानकारी के मुताबिक वैसे तो ग्वालियर-चंबल अंचल में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की तूती बोलती है और उनके बगैर कांग्रेस में पत्ता तक नहीं हिलता। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खेमा भी इस क्षेत्र में कहीं न कहीं दखल रखता है,जो सिंधिया के विरोध के बावजूद कोई न कोई पद अथवा नियुक्ति करा लाता है। फिर भले ही वह सिंधिया खेमे के आंख की किरकिरी बना रहता है।अब चूंकि कमलनाथ प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं तो दिग्विजय सिंह पूरी पावर में है। उनके कहने पर ही भोपाल में सारे कामकाज हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से लेकर मंत्रिमंडल गठन में उनकी अहम भूमिका मानी जा रही है। यद्यपि अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है। श्री सिंह ने मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन से भेंट की तो उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह, उनके बेटे राधौगढ़ से विधायक जयवर्धन सिंह सहित कुछ लोग मौजूद थे। श्री अशोक सिंह ग्वालियर लोकसभा से तीन चुनाव लड़ चुके हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रबल दावेदार हैं।

बताते हैं कि बुरे वक्त पर प्रदेश कांग्रेस को चलाने में उनकी अहम भूमिका रही है। वे सामंजस्य कर दिग्गी के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी नज़दीकियां बनाए रहते हैं।वहीं सिंधिया विरोधी माने जाने वाले डॉ. गोविंद सिंह एवं केपी सिंह भी चुनाव जीत गए हैं। उनका मंत्रिमंडल में आना तय है। सुमावली से चुनाव जीते ऐदल सिंह कंसाना भी मंत्री पद की लाइन में है। वहीं भितरवार से तीसरी बार जीते लाखन सिंह दोनों खेमों से जुडक़र मंत्री पद पाना चाहते है। इसके साथ ही वरिष्ठ नेता वासुदेव शर्मा, ब्रजमोहन परिहार,दुष्यंत साहनी, यदुनाथ सिंह तोमर को भी दिग्गी के पावर में आने से संजीवनी मिल गई है। साहनी और तोमर को पिछले दिनों प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव भी भोपाल में सक्रिय है। वे वरिष्ठ नेता स्व. अजुर्न सिंह के नजदीकी रहे हैं। उन्हें भी सहकारिता क्षेत्र में किसी पद पर लिया जा सकता है। चूंकि कांग्रेस को चुनाव जिताने में सिंधिया की भी अहम भूमिका रही है तो आने वाले दिनों में जहां सिंधिया समर्थक उपकृत होंगे,वहीं दिग्गी समर्थक भी कहीं न कहीं एडजस्ट किए जाएंगे।

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