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दिल्ली से ग्वालियर तक ट्रेनों में किन्नरों का आतंक

आरपीएफ की कार्रवाई के बाद भी यात्रियों से कर रहे वसूली और अभद्रता

Update: 2018-11-20 08:03 GMT

ग्वालियर। रेलगाड़ियों में किन्नरों का आतंक बढ़ गया है। दिलचस्प बात तो यह है कि असली ही नहीं बल्कि नकली किन्नरों का भी सामना यात्रियों को करना पड़ रहा है। विवाह के सीजन में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देख किन्नरों की टोलियां रेलगाड़ियों में सक्रिय हो गई हैं । नकली किन्नर महज पैसे कमाने के लिए रेलगाड़ियों में किन्नरों की वेशभूषा में यात्रियों से पैसों की मांग करते हैं।

ग्वालियर रेलवे स्टेशन के आउटर से रेलगाड़ियों में चढक़र किन्नर यात्रियों से पैसा वसूलना शुरू कर देते हैं। पैसे नहीं देने पर यात्रियों से मारपीट करने से भी पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे में ट्रेन से यात्रा करना यात्रियों के लिए बेहद मुश्किल भरा साबित हो रहा है। हालांकि आरपीएफ इन किन्नरों पर आए दिन कार्रवाई कर उन्हें पकड़ता है, लेकिन उसके बाद भी इन पर कोई लगाम नहीं लाग पा रही है। सोमवार को किन्नर ताज एक्सप्रेस और खजुराहो इंटरसिटी एक्सप्रेस के यात्रियों से रुपए वसूलते देखे गए। जानकारी के अनुसार जब से ताज एक्सप्रेस झांसी से चलना शुरू हुई है, तब से किन्नर आगरा से ग्वालियर और ग्वालियर से झांसी तक ताज एक्सप्रेस के सामान्य कोच में चढ़ जाते हैं और यात्रियों को शुभआशीष देने के नाम पर रुपयों की वसूली करते हैं। जो यात्री रुपए देने से मना करते हैं, उनके साथ बदसलूकी करने से भी बाज नहीं आते हैं।

विवाह का सीजन आते ही हुए सक्रिय

विवाह के सीजन को देखते हुए इन दिनों ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ काफी उमड़ रही है। इसी का फायदा उठाकर किन्नर भी सक्रिय हो गए हैं। स्टेशन पर पकड़े जाने के डर से आउटर पर गाड़ी खड़ी रहने पर सवार हो जाते हैं। तरह-तरह की नौटंकी कर यात्रियों से पैसों की मांग करते हैं। डरे-सहमे यात्रियों को मजबूरन पैसे देना पड़ते हैं।

पैसे देने से मना करने पर करते हैं अभद्रता

ट्रेनों में किन्नरों द्वारा पैसे मांगने पर कई यात्री उनसे बचने के चक्कर में पैसे देते हैं, लेकिन कुछ इन्हें पैसे नहीं देने पर अड़ जाते हैं। ऐसे में यात्रियों के परिवार के सामने किन्नरों द्वारा अभद्र व्यवहार भी किया जाता है। परिवार के सामने शर्मिंदा होने की बजाय यात्री को पैसे देने में ही समझदारी दिखती है।

सामान्य डिब्बे होते हैं निशाने पर

आमतौर पर आरक्षित डिब्बों में किन्नरों की उपस्थिति नहीं दिखती। चूंकि इन डिब्बों में यात्रियों की संख्या कम व टीटीई की उपस्थिति रहने से सुरक्षा बल के हाथों पकड़े जाने का डर रहता है। ऐसे में वह ट्रेनों के सामान्य डिब्बों को टारगेट कर सफर करने वाले यात्रियों को परेशान करते हैं। सामान्य डिब्बों में बड़ी संख्या में यात्रियों की उपस्थिति रहने से किन्नरों को वसूली में आसानी होती है।

स्टेशन के पास ही बना है ब्यूटी पार्लर

रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया व शौचालय में किन्नर इतनी खूबसूरती से तैयार होते हैं कि उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता है कि ये लोग किन्नर हैं। यहां तक कि कई बार तो रात के समय इन किन्नरों को देखने के लिए भीड़ लगी रहती है।

इनका कहना है

लंबी दूरी की ट्रेनों में किन्नरों द्वारा यात्रियों से वसूली की जाती है। समय-समय पर कार्रवाई कर किन्नरों को ट्रेन से उतार दिया जाता है। यात्री यदि शिकायत करते हैं तो कार्रवाई जरूर की जाती है। ट्रेन पेट्रोलिंग स्टाफ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

आनंद स्वरूप पाण्डे, आरपीएफ निरीक्षक 

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