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IITTM : लोकनृत्य में दिखी विभिन्न राज्यों की संस्कृति

तीन दिवसीय लोकनृत्य भारत भारती उत्सव का शुभारंभ

Update: 2019-07-30 02:15 GMT

ग्वालियर, न.सं.। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय पारंपरिक लोकनृत्यों पर आधारित तीन दिवसीय लोकनृत्य भारत भारती उत्सव का शुभारंभ सोमवार को भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान के सभागार में हुआ। इसके उपरांत देश के चार राज्यों की टीमों व कलाकारों ने बधाई, नौरता, मयूर, बृज की होली, फाग एवं पंथी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। अपनी प्रस्तुतियों से कलाकारों ने क्षेत्रीय लोकनृत्यों का महत्व बताया। उनकी जीवंत प्रस्तुति ने अलग-अलग राज्यों के लोकनृत्यों की याद दिला दी।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे, विशिष्ट अतिथि के रूप में इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के प्राचार्य एम.के. दास, भारतीय पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक अनिल अरोरा, आईआईटीटीएम गोवा के प्राध्यापक डॉ. सुदेशना बाबू ने इस उत्सव का शुभारंभ किया, साथ ही अतिथियों ने आयोजन के संबंध एवं महत्व पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत देश भर के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने क्षेत्रीय लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां दीं। मध्यप्रदेश के कलाकारों ने बुंदेलखण्ड अंचल में मांगलिक, सामाजिक कार्य व अनुष्ठान के समय होने वाली बधाई की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। इस दौरान उन्होंने नौरता नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी, जो बुंदेलखण्ड अंचल में ही कन्याओं द्वारा देवी शक्ति की आराधना के समय किया जाता है। इस बीच उत्तरप्रदेश की टीमों व कलाकारों ने मयूर नृत्य व बृज की होली की प्रस्तुति देकर बृज की याद ताजा करा दी, जब वृंदावन में होली पर्व पर आकर्षक होली की प्रस्तुति होती है। वहीं हरियाणा के कलाकारों ने फाग और छत्तीसगढ़ की टीमों ने पंथी नृत्य प्रस्तुत किया। अलग-अलग राज्यों की आकर्षक एवं मनमोहक प्रस्तुतियों ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन कलाकारों ने क्षेत्रीय लोकनृत्यों के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि आज भी इन लोकनृत्यों की प्रासंगिकता है, साथ ही इन नृत्यों में अलग-अलग राज्यों की संस्कृति की झलक भी दिखी। मंगलवार को भी इन राज्यों की अलग-अलग लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी। इस दौरान आईआईटीटीएम ग्वालियर के समन्वयक डॉ. चन्द्रशेखर बरुआ, सौरभ दीक्षित, पर्यटन मंत्रालय के समन्वयक गणपति प्रजापति सहित कलाकार, राज्यों के प्रतिनिधि एवं संस्थान के पदाधिकारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। 

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