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बिरलानगर स्टेशन को 'आदर्श' बनने का इंतजार, यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे

पैसेंजर ट्रेनों के अलावा नहीं रुकती कोई भी ट्रेन

Update: 2022-04-27 11:59 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। रेलवे के द्वारा ग्वालियर के बिरलानगर रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन बनाने जाने की घोषणा लगभग 2014 में की गई थी। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी बिरला नगर स्टेशन के आदर्श बनने के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है। यह स्टेशन कब आदर्श स्टेशन बनेगा, इसका कोई अता पता नहीं चल रहा है। लगता है रेलवे इस स्टेशन को आदर्श बनाने की घोषण करने के बाद भूल सा गया है। उधर रेलवे ने दो वर्ष पहले ग्वालियर, बिरलानगर सहित 20 रेलवे रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने की घोषणा भी की थी, जिसमें स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं, नई ट्रेनों का हॉल्ट होना था। रेलवे यात्रियों को अच्छे खान-पान की सुविधा,स्टॉल खोलन, के निर्देश दिए गए थे, यात्रियों को कोच में सवार होने में परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए स्टेशन पर कोच इंडिकेटर भी लगाने थे, साथ ही स्टेशन पर वाहनों के लिए पार्किंग भी बनानी थी, लेकिन रेलवे ने सिर्फ बिरलानगर रेलवे स्टेशन पर एफओबी, रैंप स्टील की कुर्सिया लगाकर खानापूर्ति कर ली।

स्टेशन पर नहीं है खाने की व्यवस्था

भिंड-इटावा ट्रैक पर यात्री ट्रेनें दौडऩे के बाद इस स्टेशन से हजारों की संख्या में यात्री भिंड की ओर जाते है। लेकिन इस स्टेशन पर अगर किसी यात्री को भूख लग जाए तो उसे बिरलानगर स्टेशन के बाहर रोड पर जाना पड़ता है। स्टेशन पर कोई भी स्टॉल नहीं खुले है।

बड़ी आबादी को मिलेगा फायदा

बिरला नगर स्टेशन को अगर विकसित किया जाता है तो, इसका सीधा फायदा, चार शहर का नाका, ग्वालियर, हजीरा, दीनदयाल नगर, गोला का मंदिर और मुरार क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मिलेगा। ट्रेन बिरला नगर से मिलने पर उन्हें लंबा चक्कर लगाकर ग्वालियर स्टेशन पर नहीं जाना पड़ेगा।

भिंड-इटावा ट्रैक भी शुरू हुआ, लेकिन सुविधाएं नहीं

ग्वालियर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन करीब 15 हजार यात्री यात्रा करते हैं। भिंड-इटावा ट्रैक शुरू होने के बाद बिरला नगर रेलवे स्टेशन से यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। लेकिन उसके बाद भी इस स्टेशन को अभी तक विकसित नहीं किया गया।

यात्रियों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे

बिरला नगर पर यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे हो गई हैं। जिसका कारण इस स्टेशन पर ना तो जीआरपी चौकी ही बनाई गई है और ना ही यहां पर आरपीएफ का कोई बंदोबस्त रहता है। जिसके चलते यहां पर यात्रियों की जेबों को तराशने वाले और चोरी कर निकल भागने वाले अपराधियों के लिए यह स्टेशन सुरक्षित बन गया है।

रात के समय उतरने के कतराते है यात्री

जेसी मिल चालू के समय बिरला नगर ग्वालियर का एक मात्र स्टेशन हुआ करता था। जिस पर सभी गाडिय़ों रुकने के अलावा इस स्टेशन की सभी व्यवस्था चाक-चौबंद हुआ करती थी। लेकिन जेसी मिल बंद होने के बाद ग्वालियर स्टेशन को मुख्य स्टेशन बनाए जाने के बाद बिरला नगर पूरी तरह उपेक्षित हो गया है। जिसके चलते इस स्टेशन पर आने वाले मुसाफिरों की सुरक्षा खुद को ही करनी पड़ती है। जिसके चलते स्टेशन के आस-पास रात के समय उतरने वाले यात्री यहां के मार्गों के चलते यहां पर उतरने से कतराते हैं।

चार नंबर प्लेटफार्म भी बन सकता है

तीसरी लाइन बिछने के बाद हबीबगंज की तरह बिरला नगर स्टेशन पर भी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का हॉल्ट हो सकता है। अभी यहां अप एंड डाउन की 6 पैसेंजर ट्रेन रुकती हैं। लेकिन तीसरी लाइन बिछने के बाद बिरला नगर स्टेशन पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस और ताज एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का स्टॉपेज बढ़ सकता है।

इनका कहना है

स्टेशन को ग्रेड के हिसाब से विकसित किया गया है। यहां पर यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। रेलवे अपनी ओर से यहां पर सुविधाएं बढ़ाए जाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी


ऐसा नहीं है कि हम बिरलानगर रेलवे स्टेशन को भूल गए हो, हमारे द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है। बिरलानगर रेलवे स्टेशन को लेकर हम सांसद , केन्द्रीय मंत्रियों से चर्चा करेंगे ।

प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स

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