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56 निजी आईडी से 20 लाख कीमत के 6 माह में बनाए 4000 ई-टिकट, एसी के लिए लेता था इतना कमीशन

झांसी रेल मंडल में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, घेराबंदी कर दबोचा दलाल

Update: 2019-11-30 10:19 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। झांसी रेल मंडल की ग्वालियर आरपीएफ ने ई-टिकट में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ कर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। आरपीएफ की कार्रवाई से पूरे शहर के साथ चम्बल संभाग में भी हडक़ंप मचा हुआ है।

शुक्रवार को आरपीएफ ने स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया से एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ ने इस युवक के पास से पिछले छह माह में चार हजार से अधिक ई-टिकट की पूरी कुंडली बरामद की है। इतना ही नहीं यह युवक शातिर तरीके ये अलग-अलग आईडी का इस्तेमाल कर ई-टिकट बनाता था। आरपीएफ ने युवक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। आरपीएफ हनरीक्षक आनंद स्वरूप पाण्डे ने बताया कि मुखबीर से सूचना मिली थी कि स्टेशन बजरिया में रजत टूर एण्ड ट्रैवल्स पर रजत सक्सेना पुत्र स्व. मिथलेश सक्सेना निवासी गांधीनगर आईआरसीटीसी के जस्ट पे पोर्टल से टिकट बना रहा है, साथ ही इस बारे में झांसी रेल मंडल ने दी गई आईडी के आधार पर पुष्टि कर बताया कि रजत सक्सेना ने पिछले माह में 56 आईडी से चार हजार से अधिक टिकट बनाए हैं, जिनकी कीमत लगभग 20 लाख रुपए बताई गई है। इस कार्रवाई में निरीक्षक अवधेश गोस्वामी, उपनिरीक्षक वी.के. राय, आरक्षक राजकुमार तोमर, शिवनंदन शर्मा आदि शामिल थे।

एसी के लिए लेता था 200 रुपए कमीशन

आरोपी से पूछताछ में यह बात सामने आई कि वह टिकट बनाने के बदले में लोगों में भारी रकम ऐंठता था। उसने आरपीएफ को बताया कि स्लीपर ई-टिकट के लिए वह प्रति व्यक्ति 100 रुपए और एसी टिकट बनाने के लिए 200 रुपए वसूल करता था।

शातिर दिमाग का है आरोपी

बताया जा रहा है कि आरोपी रजत सक्सेना काफी शातिर दिमाग का है। वह दुकान पर टिकट नहीं बनाता था और न ही किसी ग्राहक को अपनी दुकान पर बुलाता था। वह अपने दोस्तों या घर पर ही ऑनलाइन टिकट बुक करता था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह दुकान पर सिर्फ टूर ट्रैवल्स का काम करता है, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो आरोपी ने सब कुछ स्वीकार कर लिया। 

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