दिल्ली की 'उम्मीदों' पर खरी नहीं उतरीं मप्र वक्फ की संपत्तियां

पोर्टल पर 15012 में से सिर्फ 1600 संपत्तियां हो सकीं अपलोड, 5 दिसंबर अंतिम तारीख बोर्ड का सरकारों से पत्राचार जारी

Update: 2025-12-01 05:27 GMT

भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा 6 महीने पहले लाए गए वक्फ संशोधन अधिनियम के तहत देश भर की सभी वक्फ संपत्तियों को 'उम्मीद' पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, लेकिन मप्र वक्फ बोर्ड की करीब 11 फीसदी संपत्तियां की उम्मीद पोर्टल पर अपलोड हो पाईं। शेष 89 फीसदी वक्फ संपतियां केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा उम्मीद पोर्टल पर वक्फ जमीनों को अपलोड करने को लेकर जो 7 बिंदु दिए हैं, उनमें एक में भी शामिल नहीं है। इस वजह से मप्र की 14164 वक्फ संपतियां केंद्र के उम्मीद पोर्टल पर अपलोड ही नहीं हो पाई हैं। जबकि वक्फ संपत्तियों को अपलोड करने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर हैं।

दरअसल उमीद सेंट्रल पोर्टल (यूनिफाईड वक्फ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 1995 यानी एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 का संक्षिप्त रूप है। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों की वास्तविक समय पर अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर रहा है।

बोर्ड का सरकारों से पत्राचार जारी

इस पोर्टल से देश भर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी से व्यापक बदलाव आने की उमीद है। लेकिन मप्र की वक्फ संपत्तियों को अपलोड करने के लिए उम्मीद पोर्टल में तकनीकी अड़चन आ रही है। मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल ने बताया वक्फ बोर्ड, आयुक्त, प्रमुख सचिव लगातार केंद्र सरकार के संपर्क कर रहे हैं। बोर्ड, राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर वैधानिक संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर इंदाज कराएंगे। हमने मांग की है कि इसकी तिथि 5 दिसंबर से आगे 3 महीने बढ़ाई जाई।

4 बिंदुओं पर शामिल होना है वक्फ संपतियां

मप्र अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के अनुसार उम्मीद पोर्टल पर 7 बिंदुओं में से मप्र की वक्फ संपत्तियां 4 बिदुओं में चिहिन्त की जानी है। इनमें पहला 'किसी के द्वारा दान की गई संपत्ति', दूसरा 'अपनी औलाद के लिए वक्फ', तीसरा वक्फ वाई यूजर' और चौथी है 'सरकार द्वारा दी गई संपत्ति' है। इन 4 बिंदुओं में मप्र की सिर्फ 848 संपत्तियां ही उम्मीद पर अपलोड की गई। शेष 14164 संपत्ति 4 में से किसी भी बिंदु में शामिल नहीं है। क्योंकि यह संपत्तियां सरकार द्वारा सर्वे करके अधिसूचना जारी करके वक्फ को सौंपी थीं। ऐसे में मप्र वक्फ बोर्ड ने

केंद्रीय मंत्रालय से इस संबंध में सलाह मांगी। जिसके बाद केंद्रीय मंत्रालय ने इन संपत्तियों को तीसरे बिंदु वक्फ वाई यूजर' में शामिल करके अपलोड करने को कहा है। लेकिन इस पर मुस्लिम समाज को आपत्ति है। क्योंकि वक्फ की कई संपतियां निजी है। कुछ संपत्तियां कब्रिस्तान आदि के लिए सरकार ने दी थी। जिन्हें वक्फ वाई यूजर नहीं माना जा सकता है। हालांकि कुछ संपत्तियों की सर्वे सूची, अधिसूचना का रिकॉर्ड देखकर अपलोड किया गया है। ऐसे में अभी तक 15012 में से करीब 1600 संपत्तियां अपलोड की जा चुकी हैं।

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