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प. बंगाल में जमीन खिसकती देख ममता बनर्जी को भाजपा विरोधी दलों की आई याद, पत्र लिखकर मांगा समर्थन

Update: 2021-03-31 11:35 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। 10 वर्षों के शासन काल में बंगाल में विकास के स्थान पर अराजकता को बढ़ावा देने वाली टीएमसी विकास नीति पर आगे बढ़ने वाली भाजपा से डरी हुई नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव में जमीन खिसकती देख टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भाजपा विरोधी दलों की याद आने लगी है।  उन्होंने भाजपा विरोधी दलों के प्रमुखों को पत्र लिख कथित लोकतंत्र बचाने के लिए एकजुट होने की मांग की है।  

पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में एकनायकवाद लागू करना चाहती है औरजोकि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे खतरनाक पहलू है। पत्र में ममता  ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान अलग-अलग राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकारों के साथ केंद्र के जितने बुरे रिश्ते रहे हैं, उतने भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं रहे। उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को डरा धमका कर उन्हें परेशान कर रही है। विपक्षी पार्टियों के अधिकारों को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की जा रही है और यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कुछ हो रहा है।

ममता ने अपने पत्र में दावा किया है कि देशभर में लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है, देश की अर्थव्यवस्था पतन की ओर है और लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत अखिलेश यादव, मायावती, एमके स्टालिन, तेजस्वी यादव आदि विपक्षी नेताओं को भी पत्र भेजा है। पत्र में ममता ने कहा है कि यह समय ऐसा है, जब हम सभी को एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए।



 


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