ज्योतिष मठ के शंकराचार्य के पट्टाभिषेक पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, ये...है मामला

Update: 2022-10-15 14:06 GMT

देहरादून। द्वारिका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य  स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती  का बीते दिनों निधन हो गया। नके ब्रह्मलीन होने के बाद उनके दो शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी सदानंद को ज्योतिष पीठ और द्वारका पीठ का पीठाधीश्वर नियुक्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज  ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पटाभिषेक पर रोक लगा दी है।  कोर्ट ने ये फैसला एक याचिका पर  सुनवाई के दौरान।

दरअसल, ज्योतिष पीठ पर शंकराचार्य के पद को लेकर ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज और स्वामी वासुदेवानंद महाराज के बीच में कानूनी लड़ाई चल रही है। इसी मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक आवेदन पर बहस करते हुए ये फैसला सुनाया।  अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होनी है।

याचिका में अपील - 

याचिका में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने का एक जानबूझकर प्रयास किया गया है कि इस अदालत के समक्ष कार्यवाही को निष्फल बना दिया जाए और एक व्यक्ति को जो योग्य नहीं है और अपात्र है, वह अनधिकृत रूप से पद ग्रहण कर ले। इस तरह के प्रयासों को अदालत के अंतरिम आदेश से रोकने की जरूरत है और इसलिए इस आवेदन को स्वीकार किया जा सकता है और अनुमति दी जा सकती है। 

आदि शंकराचार्य ने की स्थापना - 

हिंदू विद्वानों के अनुसार आदि शंकराचार्य ने उत्तर में बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठ, पश्चिम में द्वारका के शारदा पीठ, पूर्व में पुरी का गोवर्धन पीठ और कर्नाटक के चिक्कमगलूर जिले में श्रृंगेरी शारदा पीठम  यानी कुल चार मठों की स्थापना की थी। 

Tags:    

Similar News