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सोनिया- राहुल गांधी ने ईआईए मसौदे पर केंद्र सरकार को घेरा, कसा तंज

कहा- "प्रकृति रक्षा करती है, अगर वह संरक्षित है"

Update: 2020-08-13 05:50 GMT

नई दिल्ली।  केंद्र सरकार द्वारा लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट का हर ओर विरोध हो रहा है। विपक्षी पार्टियों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी पर्यावरण संरक्षण की बात करते हुए सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। ऐसे में जहां राहुल गांधी ने केंद्र पर पर्यावरण को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मसले पर एक लेख लिखकर है पर्यावरण के मसले पर मोदी सरकार की नीति को गलत ठहराया है।

एक अंग्रेजी अखबार में छपे लेख में सोनिया गांधी ने लिखा, 'अगर आप प्रकृति की रक्षा करेंगे, तो वो आपकी रक्षा करेगी। हाल के वक्त में दुनिया में कोरोना वायरस का जो संकट पैदा हुआ है, वो मानवों को एक नई सीख देता है। ऐसे में हमारा फर्ज है कि हमें पर्यावरण की रक्षा करें।'

मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए सोनिया ने कहा कि हमारे देश ने विकास की दौड़ में पर्यावरण की बलि दी है लेकिन इसकी सीमा तय होनी चाहिए। पिछले छह साल में इस वर्तमान सरकार का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर ठीक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण सरकार को विचार करना चाहिए था लेकिन इसे अनदेखा किया जा रहा है। अब सरकार ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर नियमों को उजाड़ने में लगी है।

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट का विरोध किया है। उन्होंने मसौदे को वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि इस मसौदे का मकसद लूट है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'प्रकृति रक्षा करती है, अगर वह संरक्षित है।' इसी लिए जरूरी है कि भारत सरकार नए पर्यावरणीय नियमों को खत्म करे। पहले कदम के तौर पर ईआईए 2020 ड्राफ्ट की अधिसूचना वापस होनी चाहिए। 

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