प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच पर शरद पवार की मौजूदगी, विपक्ष की बढ़ गई टेंशन, सब पूछ रहे - I.N.D.I.A या NDA किसके साथ ?
विपक्षी नेताओं की मांग शरद पवार अपना रुख स्पष्ट करें की वह किसके साथ है, एनसीपी में फूट क्या उनका कोई गेम प्लान था
पुणे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के दौरे पर है। उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस दौरान राकांपा नेता शरद पवार और अजित पवार उनके साथ मंच पर मौजूद रहे। दोनों नेताओं की पीएम के साथ मंच पर मौजूदगी ने महाराष्ट्र की राजनीति का पारा एक बार फिर चढ़ा दिया है।
दरअसल, राकांपा में फूट के बाद ये पहला मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी और शरद पवार एक साथ किसी मंच पर नजर आएं है। इससे भी बड़ी बात ये है कि इस दौरान अजित पवार भी मौजूद है, जिससे वह पार्टी में फूट डालने के कारण नाराज माने जा रहे थे। अजित और शरद का एक साथ मोदी के साथ मंच साझा करना महाविकास अघाड़ी के अन्य दलों शिवसेना और कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। कार्यक्रम से पहले शिवसेना और कांग्रेस ने शरद पवार को मोदी के साथ मंच साझा ना करने एवं कार्यक्रम में ना जाने की सलाह दी थी लेकिन शरद पवार ने सभी की बातों को दरकिनार कर कार्यक्रम में भाग भी लिया और नरेंद्र मोदी के साथ गर्मजोशी के साथ पेश आएं। दोनों नेता मंच पर एक-दूसरे से बात करते हुए एवं हँसते-खिलखिलाते नजर आए।
NCP में फूट शरद का गेम प्लान -
मंच से जो तस्वीर सामने आई है उससे महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि विपक्ष के नए गठबंधन I.N.D.I.A में शामिल हुए नए अन्य दलों के नेताओं की भी टेंशन बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि अजित पवार का एनसीपी में फूट डालना और एनडीए में शामिल होना शरद पवार का गेम प्लान है। आज प्रधानमंत्री मोदी के साथ शरद-अजित पवार की मंच पर मौजूदगी ने इस कयास को और बल दे दिया है।
I.N.D.I.A की मांग रुख स्पष्ट करें पवार -
शिवसेना नेता संजय राऊत का कहना है की प्रधानमंत्री मोदी और शरद पवार के साथ आने से लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए की वे किसके साथ है।वहीँ आम आदमी पार्टी समेत india के अन्य नेताओं ने भी शरद के इस कदम की आलोचना की है। सभी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को शरद पवार से चर्चा कर उनका रुख जानने की सलाह दी है। वहीँ ममता बनर्जी, अरविन्द केजरीवाल, नीतीश कुमार का कहना है कि I.N.D.I.A. मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी को घेर रही है, तब शरद पवार की मुलाकात विपक्षी एकता को कमजोर करेगी। इस कार्यक्रम की तस्वीरों का भाजपा राजनीतिक फायदा उठा सकती है।