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धार में बनेगा पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क, रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का किया अभिनंदन

Update: 2023-03-18 07:18 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिले में "पीएम मित्र " मेगा टेक्सटाइल पार्क बनेगा। केंद्र ने देश के सात राज्यों में यह पार्क शुरू करने की मंजूरी दी है। इसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। इसके शुरू होने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मध्यप्रदेश के धार जिले में पीएम मित्र" मेगा एकीकृत टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने के लिए अभिनंदन किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्णय टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार के अनेक अवसर सृजित करने में मददगार साबित होगा।

पीएम मित्र पार्क योजना 

केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय ने सात मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्क स्थापित करने के लिए 4,445 करोड़ रुपये की पीएम मित्र पार्क योजना शुरू की थी। योजना का उद्देश्य कपड़ा उद्योग की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के लिए एकीकृत बड़े पैमाने पर और आधुनिक औद्योगिक बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है। यह योजना प्रधानमंत्री के पांच-एफ विजन- फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्टरी से फैशन और फैशन से फॉरेन तक से प्रेरित है। यह एक 'आत्म-निर्भर भारत' के निर्माण की दृष्टि को पूरा करने और भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की आकांक्षा रखता है।

पीएम मित्र पार्क स्थापित करने में कई राज्यों ने रूचि दिखाई और अपना प्रस्ताव कपड़ा मंत्रालय को दिया था। एक साल के लंबे मूल्यांकन, चर्चा और सूचना साझा करने के बाद शुक्रवार (17 मार्च 2023) को चयनित राज्यों की सूची की घोषणा की गई है। पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए चयनित सात राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है। पीएम मित्र साइटों का चयन केन्द्र सरकार द्वारा एक चुनौती पद्धति के माध्यम से किया गया था।मध्यप्रदेश सरकार विश्व स्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढाँचे के साथ 1,000 एकड़ से अधिक भूमि पार्सल में एकीकृत बड़े पैमाने पर कपड़ा और परिधान पार्क स्थापित करने की इच्छुक है, जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को आकर्षित करेगी। साथ ही कपड़ा क्षेत्र में एफडीआई और स्थानीय निवेश को बढ़ावा देगी।

पार्क को आंतरिक सड़कों, बिजली वितरण बुनियादी ढाँचे, जल और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों, प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, फैक्ट्री साइट्स, ऊष्मायन केंद्र इत्यादि जैसी सभी बुनियादी आधारभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की योजना है। पार्क में सहायक सुविधाएँ भी शामिल होंगी, जिसमें एक सामान्य प्र-संस्करण इकाई, सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्र (सीईटीपी), श्रमिकों के छात्रावास और आवास (विशेष रूप से महिला श्रमिकों के लिए), स्वास्थ्य सुविधा, प्रशिक्षण और कौशल विकास, भंडारण, रसद आदि हैं।

एक ही स्थान पर एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला के साथ प्रस्तावित पार्क उद्योग की रसद लागत को कम करेगा और राज्य में कपड़ा और परिधान उद्योग की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा। इस पार्क से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे एक लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष लोगों को रोजगार मिल सकेगा। केन्द्र सरकार दो चरणों में 500 करोड़ रुपये (300 करोड़ 200 करोड़ रुपये) के 'विकास पूँजी समर्थन' (डीसीएस) के रूप में प्रस्तावित पार्क की स्थापना का समर्थन करेगी।

प्रस्तावित पीएम मित्र पार्क में शीघ्र स्थापित होने वाली निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिये 'प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन सहायता' (सीआईएस) में प्रति पार्क 300 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। पार्क में स्थापित इकाई को कुल बिक्री टर्नओवर का 3 प्रतिशत तक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इसका लाभ निर्धारित शर्तों के साथ "पहले आओ-पहले पाओ" के आधार पर उपलब्ध होगा।मध्यप्रदेश में कपड़ा और परिधान क्षेत्र के लिए पारिस्थितिकी-तंत्र अच्छी तरह से विकसित है। राज्य में कच्चे माल (जैसे-कपास, रेशम और मानव निर्मित फाइबर) की उपलब्धता और एक प्रगतिशील कपड़ा नीति ढाँचा है। राज्य ने देश भर से इस क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित किया है। मध्यप्रदेश कपास का उत्पादन करता है, इसमें कपास को सूत में बदलने के लिए ओटाई और कताई इकाइयाँ भी हैं, जिन्हें कपड़े में परिवर्तित किया जाता है। वर्तमान में राज्य में परिधान इकाइयाँ भी हैं। राज्य की इकाइयाँ कपास, सूत और वस्त्र निर्यात करती हैं। इस प्रकार मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री मोदी के 5-एफ विजन को पूरा करता है। पीएम मित्र पार्क मध्यप्रदेश में कपड़ा और परिधान उद्योग के विकास को और मजबूत करेगा, जिससे यहाँ के लोगों को रोजगार और समृद्धि मिलेगी।

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