मेघालय और नगालैंड में 76 और 84 प्रतिशत हुआ मतदान, 2 मार्च को आयेंगे नतीजे

- तीन राज्यों की तीन विधानसभा सीटों पर भी हुआ उपचुनाव

Update: 2023-02-27 17:42 GMT

नईदिल्ली/वेब डेस्क। दो राज्यों के विधानसभा चुनाव और तीन राज्यों की एक-एक सीट पर उपचुनाव सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना और दोबारा मतदान कराए जाने की सूचना नहीं है। चुनाव आयोग के अनुसार मेघालय में 76.66 प्रतिशत और नगालैंड में 84.66 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं, तमिलनाडु की ईरोड (पूर्व) (एससी), पश्चिम बंगाल की सागरदिघी और झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में क्रमशः 70.58, 73.49 और 67.96 प्रतिशत मतदान हुआ है।

चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। मेघालय में 3419 और नागालैंड में 2291 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा की 59 सीटों पर मतदान कराया गया, जबकि सोहिओंग (एसटी) सीट पर एक उम्मीदवार की मौत के चलते चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इसी तरह नगालैंड विधानसभा की 60 सीटों में से 59 पर मतदान कराया गया। यहां आकुलुटो सीट पर निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश की लुमला (एसटी) सीट पर भी निर्विरोध निर्वाचन हुआ है।

इससे पहले रविवार को महाराष्ट्र की कसबा पेठ और चिंचवड सीट के लिए मतदान हुआ था। 16 फरवरी को त्रिपुरा राज्य में मतदान हुआ था। तीन राज्यों और विधानसभा उपचुनावों के नतीजे 2 मार्च को आयेंगे।

मेघालय और नागालैंड के कठिन क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए मतदान अधिकारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। मेघालय में 74 मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए मतदान दल को पहाड़ी रास्तों और दुर्गम इलाकों का उपयोग करना पड़ा। इस दौरान वेस्ट गारो हिल्स जिले में ड्यूटी के दौरान एक सड़क दुर्घटना में एक मतदान अधिकारी की मौत भी हो गई थी। आयोग ने उसके परिवार को 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी है।

आयोग के अनुसार तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान 27 फरवरी तक 169.64 करोड़ की जब्त गई है। इसमें कीमती धातुएं, नशीले पदार्थ, नकद और अन्य सामग्री शामिल है। वहीं उपचुनावों के दौरान विभिन्न स्थानों से 2.92 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की गई।

आयोग ने दो राज्यों में मतदान के लिए 5710 मतदान केन्द्र बनाए थे। इसमें 80 साल के अधिक आयु के 3553 और 3228 मतदाताओं को क्रमशः मेघालय और नागालैंड में घर से ही मतदान की सुविधा प्रदान की गई। वहीं मेघालय में 1807 और नागालैंड में 173 दिव्यांगजनों को घर से मतदान की सुविधा दी गई।

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