तवांग में झड़प के बाद सरकार का बड़ा फैसला, LAC पर कनेक्टिविटी के लिए लगेंगे 23 मोबाइल टावर

पूर्वी लद्दाख में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर चोंगटाश में लगाया गया मोबाइल टॉवर

Update: 2022-12-21 07:50 GMT

नईदिल्ली। तवांग सेक्टर में भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सरकार ने और मोबाइल टावर लगाने का फैसला किया है। यहां पर लगाये गए मौजूदा टावर वांछित सेवाएं नहीं दे रहे थे, जिससे न केवल रक्षा बलों, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए भी समस्याएं पैदा हो रही थीं। इसीलिए कनेक्टिविटी में सुधार के लिए बीएसएनएल और भारती एयरटेल के 23 नए मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।

भारतीय सेना की त्रिशूल सिग्नलर्स ने दुनिया के सबसे ऊंचे उन्नत लैंडिंग ग्राउंड दौलत बेग ओल्डी में 17,500 फीट पर बीएसएनएल मोबाइल सेवाओं को पहले ही सक्रिय किया है। पूर्वी लद्दाख में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर चोंगटाश में सबसे ऊंचे मोबाइल टॉवर को बीएसएनएल और भारतीय सेना के संयुक्त प्रयास में चालू किया गया है। यह इलाका पूर्वी लद्दाख के सबसे दूरस्थ स्थानों में से एक है। इस टॉवर के स्थापित होने से सेना को संचार सेवाएं मिलने के साथ ही लद्दाख की स्थानीय आबादी को भी संचार बुनियादी ढांचे का फायदा मिल रहा है।

तवांग सेक्टर के यांग्त्से में 9 दिसंबर को भारत-चीन संघर्ष के बाद अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सरकार ने और मोबाइल टावर लगाने का फैसला किया है। तवांग के उपायुक्त केएन दामो ने कहा कि मौजूदा टावर वांछित सेवाएं नहीं दे रहे थे, जिससे न केवल रक्षा बलों बल्कि सीमा पर रहने वाले नागरिकों के लिए भी समस्याएं पैदा हो रही थीं। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। बुम-ला और वाई-जंक्शन पर भी इंटरनेट सेवा और मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध है, लेकिन इसमें और सुधार करने की जरूरत है।

दामो ने कहा कि मोबाइल टावर लगाने में रक्षा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि मागो, चूना और जेमिथांग के पास निलिया जैसे नागरिक क्षेत्रों को भी संचार सेवाओं से जोड़े जाने की योजना है। तवांग के जिला प्रशासन ने 43 नए टावर मांगे थे, लेकिन कनेक्टिविटी में सुधार के लिए बीएसएनएल और भारती एयरटेल के 23 नए मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। नए टावर लगाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन सर्दी के चलते इस प्रक्रिया में देरी हो सकती है। तवांग जिले के पहाड़ी इलाकों में हिमपात हो रहा है, मुख्यालय पर रविवार रात पहली बार हिमपात होने के बाद तापमान -3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।

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